सरकार ने 10 और दवाओं के दाम घटाया है जबकि पारासिटामोल समेत आठ नई दवाओं को पहली बार कीमत नियंत्रण के अंतर्गत लाया है। 800 से अधिक प्रकार की दवाओं को सस्ता बनाने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है। औषधि कीमत नियामक एनपीपीए ने ‘एंटी-कोगुलेंट’ (खून में थक्के गलाने की दवा) एनोक्सापैरिन तथा मिरगी की दवा कारबामाजेपाइन समेत 10 दवाओं के दाम 4.8 प्रतिशत से लेकर 23.3 प्रतिशत तक कम किए हैं।
वहीं दूसरी तरफ पैरासिटामोल तथा एंटीबायोटिक सेफाड्रोक्सि तथा सेकाजोलिन जैसी दवाओं को पहली बार कीमत नियंत्रण के दायरे में लाया गया है। एनपीपीए के चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह ने कहा, ‘हम और दवाओं को कीमत नियंत्रण के दायरे में लाएंगे। कुल 800 से अधिक ‘फार्मूलेशन’ को यथाशीघ्र कीमत नियंत्रण के दायरे में लाया जाएगा।’ इन 18 दवाओं के साथ सरकार अब तक 457 औषधियों को कीमत नियंत्रण के अंतर्गत ला चुकी है। जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची 2015 में करीब 900 दवाएं हैं।