केंद्र सरकार ने देश में लगातार बढ़ रही ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए 8000 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट से उत्पादन होने वाली बिजली के लिए बोलियां मंगाई हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने आरके सिंह ने यह जानकारी दीं। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि देश में 8000 मेगावाट की तापीय ऊर्जा (Thermal Power) बिना किसी बिजली खरीद समझौते के मौजूद है।
देश में ऊर्जा संकट होगा दूर: ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ऊर्जा संकट को दूर करने के लिए सरकार योजना पर कार्य कर रही है। इसी क्रम में राज्यों को अपनी बिजली की आवश्यकता भेजने को कहा गया है, जिसके बाद राज्यों से बोलियां मंगाई जाएंगी। आगे उन्होंने कहा कि हम सभी राज्यों की मांग को एकत्रित करेंगे और फिर बाद में बोलियां मंगाएगे, जो भी सबसे कम बोली लगाएगा, उसके साथ पीपीए (Power Purchase Agreement) साइन कर लिया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री सिंह ने कहा कि देश में कुछ थर्मल पावर प्लांट नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की तहत है। मैंने इसे लेकर बैंकों के साथ बैठक की है। सरकार के द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं जिससे इन पावर प्लांट को जल्द से जल्द चालू किया जा सके। देश में 17,500 मेगावाट क्षमता की थर्मल पावर प्लांट है जो आयातित कोयले से चलते हैं, उनमें से करीब 2500 मेगावाट एनसीएलटी में है।
इस साल गर्मियों की शुरुआत में भारत में बड़े स्तर पर ऊर्जा संकट देखा गया था। रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल माह की शुरुआत में देश में 2 अरब यूनिट बिजली की कमी हुई थी। वहीं, अप्रैल के आखिरी हफ्ते में सम्मान सबसे ऊपरी स्तर पर थी, तो झारखंड में कुल बिजली मांग से 16 फीसदी, राजस्थान में 13.3 फीसदी, हरियाणा में 12.3 फीसदी, बिहार में 7 फीसदी और पंजाब में 6.9 फीसदी की कम बिजली आपूर्ति की गई थी।
वहीं, कोयला उत्पादन पर बातचीत करते हुए देश के कोयला मंत्री पहला जोशी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि देश में ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए अगले 18 वर्षों में कोयले की मांग करीब 150 करोड़ टन तक पहुंच जाएगी। मौजूदा समय में भारत की सालाना कोयले की मांग करीब 100 करोड़ टन है।