जीएसटी परिषद की दो दिन की बैठक में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को 6, से 26 प्रतिशत तक के चार स्तर में बांटने को लेकर सहमति बनती दिख रही है। जहां 6 फीसदी की निचली दर आवश्यक वस्तुओं के लिए होगी, वहीं 26 फीसदी की ऊंची दर लक्जरी व तंबाकू, सिगरेट, शराब जैसे अहितकर उत्पादों के लिए होगी। हालांकि अगर यही दरें लागू होती हैं तो खाद्य तेल, चना उत्पाद, चिकन से लेकर चाय और कॉफी भी महंगी हो जाएगी।
मंगलवार को जीएसटी को लेकर हुई मीटिंग में पेश किए गए आकड़ों के मुताबिक, 6 फीसदी की दर में आने वाली 29 वस्तुओं में से 19 ऐसी होंगी जिनके दाम और बढ़ जाएंगे। वर्तमान टैक्स प्रणाली में इन पर 6 फीसदी से कम टैक्स रेट चुकाना पड़ता है। वहीं वनस्पति, मक्खन, घी, टैक्सी व ऑटो रिक्शा किराया और कॉफी पाउडर के दाम कम हो सकते हैं। चूंकि इन चीजों पर फिलहाल 7-9 फीसदी संयुक्त कर लिया जाता है, जो घटकर 6 फीसदी रह जाएगा। एजेंडे में तंबाकू, पान मसाला, एवं विलासिता की वस्तुओं के ऊपर लगने वाली कर दरों पर कोई जिक्र नहीं है। इसका मतलब इन वस्तुओं पर भी 26 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। जो काफी कम होगा। फिलहाल ठंडे पेय पदार्थ ( बोतल और कैन) पर 38 फीसदी का संयुक्त कर लिया जाता है, जो घटकर 26 ही रह जाएगा।
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इसके अलावा एसी रेस्टोरेंट में आपका खाने-पीने का बिल कुछ कम हो सकता है। लेकिन साथ ही हो सकता है मोबाइल आपको कुछ महंगा पड़े। सबसे जरूरी चीजों पर 6 फीसदी टैक्स की बात हो रही है तो विलासिता के सामान पर 26% के अलावा सेस लग सकता है। बता दें कि जीएसटी काउंसिल की दो दिन चली बैठक के बावजूद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रेट पर कोई फैसला नहीं हो सका वित्त मंत्रालय की तरफ से जो चार टैक्स स्लैब – 6%, 12%, 18% और 26% प्रस्तावित किए गए हैं, उन पर जीएसटी काउंसिल की 3 और 4 नवंबर को होने वाली बैठक में फिर चर्चा होगी। सरकार ने 1 अप्रैल, 2017 से जीएसटी लागू करने का फैसला लिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में बनी जीएसटी काउंसिल में राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि है।