आभूषण और निवेश दोनों ही जरूरतों के लिहाज से भारत में सोने को लेकर गहरा आकर्षण रहा है। भारतीय समाज में सोने का सामाजिक-आर्थिक महत्व भी रहा है, इसलिए लोग सोने में बड़े पैमाने पर निवेश करते हैं। हालांकि निवेशकों के लिए सोने और उससे बने आभूषणों को सुरक्षित रखना एक चुनौती भी रहा है। आमतौर पर लोग सोने को बैंक लॉकर्स में रखते हैं। वैसे बैंक में जमा 5 लाख रुपये तक की पूंजी पूरी तरह से सेफ होती है और उसके लिए बैंक जिम्मेदार होता है, लेकिन बैंक लॉकर्स के साथ ऐसा नहीं है। ऐसे में गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत आप आसानी से अपने सोने को बैंक में जमा कर सकते हैं और उस पर रिटर्न भी मिलेगा। यही नहीं बैंक में जमा इस सोने की पूरी गारंटी भी होगी। आइए जानते हैं, क्या हैं गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के फायदे…

कैसे स्कीम से जुड़ें: इस स्कीम में रजिस्टर करने‌ के लिए आपको सबसे पहले प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर पर अपने सोने का‌ मूल्यांकन कराना होगा जहां से आपको सोने के मूल्य का सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। आप अपने सोने को उसी सेंटर पर भी डिपॉजिट कर सकते हैं।

मोदी सरकार ने शुरू की थी योजना: इस स्कीम की शुरुआत 2015 में घर में पड़े सोने को उपयोग में लाने के लिए की गई थी। इस स्कीम के माध्यम से आप सोने को छोटी अवधि (1 से तीन साल), मध्यम अवधि ( 5 से 7 साल) और लंबी अवधि (12 से 15 साल) के तहत डिपॉजिट कर सकते हैं।

बैंक में दिखाना होगा सर्टिफिकेट: यदि आप अपने सोने को बैंक में जमा करना चाहते हैं तो फिर प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर की ओर से जारी किए गए सर्टिफिकेट को उस बैंक में दिखाना होगा, जहां पर आप का सेविंग अकाउंट है। उसके बाद बैंक आपका डिपॉजिट अकाउंट खोलेगा, जो सर्टिफिकेट में बताए गए सोने के मूल्य के बराबर होगा। उसके बाद निवेशक को उस रकम पर बैंक द्वारा इंटरेस्ट दिया जाएगा।

कितना मिलेगा ब्याज: आपके द्वारा कमाया गया इंटरेस्ट बैंक में रखे सोने की अवधि पर निर्धारित करेगा। 1 साल से अधिक समय तक रखने पर आपको 0.50% प्रति वर्ष के आधार पर ब्याज मिलेगा जबकि एक से दो वर्ष के बीच की अवधि तक यह ब्याज 0.55% होगा। 2 से 3 वर्ष की अवधि तक सोना रखने पर 0.60% प्रति वर्ष के आधार पर ब्याज मिलेगा। जबकि मध्यम और लंबी अवधि सोने के डिपॉजिट पर 2.25% प्रतिवर्ष के आधार पर ब्याज मिलेगा। अगर आप प्रतिवर्ष पेमेंट लेंगे तो आपको डिपॉजिट पर सिंपल इंटरेस्ट मिलेगा। अवधि पूरे होने के वक्त पेमेंट पर चक्रवर्ती ब्याज मिलेगा। डिपॉजिट के समय ही आपको मोड़ ऑफ पेमेंट भी चुनने का विकल्प भी मिलेगा।

…तो बीच में नहीं निकाल सकते गोल्ड: ध्यान रहे कि यदि आप सोने को छोटी अवधि के लिए इन्वेस्ट कर रहे हैं तभी आप सोने को बीच में निकाल सकते हैं‌। मध्यम और लंबी अवधि में आप सोना नहीं निकाल सकते पर आपको सोने के मूल्य के आधार पर रुपए अवश्य मिल जाएंगे। इसके अलावा आपको इस योजना के तहत कम से कम 30 ग्राम सोना जमा करना होगा। यह सोना आभूषण, सिक्कों और पट्टी के रूप में हो सकता है।