दुनिया के विकसित और विकासशील देशों के समूह जी-20 की यहां शुरू होने वाली दो दिवसीय शिखर बैठक में वैश्विक आर्थिक सुस्ती, बढ़ते संरक्षणवाद, वैश्विक व्यापार और रोजगार बढ़ाने के लिए ढांचागत सुधारों का विस्तार, नवोन्मेष, समावेशी वृद्धि और जलवायु वित्तपोषण जैसे अहम मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा। चीन के इस खूबसूरत शहर में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और दुनिया के कई अन्य प्रमुख नेता शामिल होंगे। बैठक के दौरान ये नेता आर्थिक वृद्धि और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए जरूरी वैश्विक प्रयासों पर विचार विमर्श करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के बारे में किए गए ट्वीट में कहा, ‘आज जो भी मुद्दे हमारे समक्ष हैं भारत उन सभी में रचनात्मक भूमिका निभायेगा और उसके निदान की दिशा में काम करेगा। भारत तीव्र, समावेशी और सतत अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थिति कायम करने के एजेंडे को आगे बढ़ायेगा। एक ऐसा आर्थिक परिवेश जो कि दुनियाभर में लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति विशेष तौर पर विकासशील देशों में जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, के जीवन को बेहतर बनाने में मददगार होगा।’
मोदी जो कि इस समय वियतनाम की अपनी पहली यात्रा पर है शिखर सम्मेलन में भाग लेने शनिवार (3 सितंबर) रात यहां पहुंचेंगे। जी20 शिखर सम्मेलन से पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के नेता यहां मिलकर अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे जिसमें कि उभरते आर्थिक मुद्दों को सम्मेलन में उठाया जा सके। ब्रिक्स देशों के पांचों नेता अगले महीने यहां गोवा में भी मिल रहे हैं। इस बैठक के दौरान वह वैश्विक आर्थिक सुस्ती के बीच अधिक समन्वयपूर्ण रणनीति अपनाते हुए संरक्षणवादी उपायों का मुकाबला कर सकें।