चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे साल के बजट अनुमान का 52 प्रतिशत तक पहुंच गया है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 3,66,157 करोड़ रुपये रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में राजकोषीय घाटा बजटीय लक्ष्य का 55.3 प्रतिशत था। सरकार ने फरवरी में 2019-20 के लिये पेश अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 7.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य रखा है। यह पिछले वित्त वर्ष के बराबर है। आंकड़ों के अनुसार सरकार की राजस्व प्राप्ति 2019-20 के अप्रैल-मई में बजटीय अनुमान का 7.3 प्रतिशत रही। एक साल पहले इसी अवधि में राजस्व प्राप्ति इतनी ही थी।

हालांकि पूंजी व्यय आलोच्य अवधि बजटीय अनुमान का केवल 14.2 प्रतिशत रहा जो एक साल पहले इसी दौरान 21.3 प्रतिशत थी। सरकार का कुल व्यय अप्रैल-मई 2019 के दौरान 5.12 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजटीय अनुमान का 18.4 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 19.4 प्रतिशत था।