वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार (22 अक्टूबर) को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद मध्यप्रदेश अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के चलते देश का प्रमुख आपूर्ति केंद्र बन जाएगा। जेटली ने यहां वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा, ‘उम्मीद है कि अगले साल जीएसटी को अमल में लाया जाएगा। इसके बाद पूरे देश में एक जैसा बाजार होगा और वस्तु तथा सेवाओं का तेजी से निर्बाध प्र्रसार हो सकेगा। इन हालात में मध्यप्रदेश वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति का प्रमुख केंद्र बन जाएगा, क्योंकि यह देश के बीचोंबीच स्थित है।’ उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति दूसरे सूबों से कहीं अच्छी है। इस राज्य से चारों दिशाओं में वस्तुओं और सेवाओं की बिना किसी रुकावट के आपूर्ति की जा सकती है। निवेशकों को इस कारक का ध्यान रखना चाहिए।’

वित्त मंत्री ने मध्यप्रदेश को ‘बीमारू राज्यों’ की तथाकथित सूची से बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश की सड़कें बेहद खराब हालत में थीं, बिजली कुछ ही घण्टों के लिए रहती थी और किसानों के पास सिंचाई की पर्याप्त सुविधाएं नहीं थीं। चौहान ने अपने नेतृत्व से मध्यप्रदेश की काया पलट दी है।’ वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सूबे में कृषि क्षेत्र के विकास से ग्रामीणों की खरीद क्षमता बढ़ी है।