वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) एक अप्रैल से क्रियान्वित करने की तैयारियों के बीच राज्य के वित्त मंत्री सेवाओं की डिलीवरी के स्थान, इकाइयों के पंजीकरण व कंपनी के अंदर सेवाओं समेत जटिल मुद्दों के समाधान के लिए 30 अगस्त को व्यापार व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब उद्योग जगत ने जीएसटी के क्रियान्वयन के संदर्भ में कुछ प्रक्रियागत मुद्दे उठाए हैं। जीएसटी कर की एकल दर के साथ एक एकीकृत बाजार सृजित करेगा।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा की अध्यक्षता वाली जीएसटी पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति, उद्योग मंडल सीआइआइ, फिक्की व एसोचेम समेत अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलेगी। बैठक के दौरान उद्योग मांग कर सकता है कि वस्तु व सेवाओं की आपूर्ति के स्थान व प्राप्ति के स्थान को कानून में परिभाषित करने की जरूरत है ताकि किसी तरह की अस्पष्टता का अभाव न रहे।सरकार का एक अप्रैल 2017 से जीएसटी क्रियान्वित करने का लक्ष्य है। इसके लिए दो विधेयक- सीजीएसटी व आइजीएसटी लाए जाने हैं। इसमें नई कर संहिता के बारे में ब्योरा होगा।
इसे नवंबर में संसद के शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा। इसी तरह का कर कानून एसजीएसटी राज्यों की ओर से पारित किया जाना है। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक इस महीने की शुरुआत में संसद में पारित हुआ और अब तक तीन राज्यों असम, बिहार व झारखंड ने विधेयक को मंजूरी दी है। संविधान संशोधन विधेयक को कम से कम 50 फीसद राज्यों के अनुमोदन की जरूरत होगी।