हाईब्रिड और इलेक्ट्रिकल वाहनों को प्रोत्साहन देने की फेम योजना से प्रदूषण नियंत्रण के साथ साथ सालाना 60,000 करोड़ रुपए के ईंधन को बचाने में मदद मिलेगी। भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने आज यह बात कही। गीते ने आज यहां आटोमोबाइल विनिर्माताओं के संगठन सियाम के सम्मेलन में कहा, ‘‘आटोमोबाइल क्षेत्र के लिये आज सबसे बड़ा संकट पर्यावरण से जुड़ा है। सरकार ने योजना के तहत 14,000 करोड़ रुपए निवेश का फैसला किया है। इस निवेश से हम 60,000 करोड़ रुपए के निवेश को बचाने में सक्षम होंगे। इसका मतलब यह हुआ कि इससे निश्चित रूप से प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।’
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह साबित हो चुका है कि ईंधन जलना ही प्रदूषण की एकमात्र वजह नहीं है। सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिये पिछले साल फेम योजना की शुरच्च्आत की थी। फेम योजना से तात्पर्य हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण एवं उन्हें अपनाने की योजना से है। यह राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना का हिस्सा है। पिछले साल शुरू होने के बाद से योजना को 795 करोड़ रुपए का समर्थन मिल चुका है।
योजना के तहत सरकार ने इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों पर मोटरसाइकिल मामले में 29,000 रुपए और कारों के मामले में 1.38 लाख रुपए तक की प्रोत्साहन राशि की पेशकश की है। भारी उद्योग मंत्री ने कहा कि फेम योजना पूरे देश के लिये है और कोई भी उपभोक्ता इसका लाभ उठा सकता है। उन्होंने आटो उद्योग को पूर्ण समर्थन का वादा करते हुये उम्मीद जाहिर की कि जीएसटी के लागू होने से क्षेत्र को मदद मिलेगी।
गीते ने कहा कि आटोमोबाइल उद्योग को कारोबार सुगमता के उपायों और उत्पाद शुलक में कमी का फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है ऐसे में आटो उद्योग को इस जनसांख्यिकीय संबंधी स्थिति का लाभ उठाना चाहिये।