कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने देशभर में फैले 120 कार्यालयों से कहा है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि कंपनियों की ओर से भविष्य निधि राशि जमा इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर केवल इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही होनी चाहिए। संगठन ने कहा- देखा गया है कि स्पष्ट आदेश होने के बावजूद जुलाई में 477 करोड़ रुपए की राशि चेक के जरिए जमा कराई गई। यह राशि जुलाई के दौरान कंपनियों से मिलने वाली भविष्य निधि की कुल 9,576 करोड़ रुपए का करीब पांच फीसद है। ईपीएफओ मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसी कंपनियों की पहचान की जाए जो भविष्य निधि जमा योगदान चेक के जरिए करती हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यह प्राप्ति इंटरनेट बैंकिंग के जरिए की जाए।

श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में 5 मई, 2015 को संशोधन करते हुए नियोक्ताओं के लिए सभी सांविधिक योगदानों को इंटरनेट बैंकिंग के जरिए करना जरूरी कर दिया था। लेकिन ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने भविष्य निधि योगदान एक लाख रुपए मासिक से कम होने की स्थिति में नियोक्ताओं के लिए इस राशि का भुगतान सितंबर 2015 तक चेक के जरिए करने की अनुमति दे दी थी। बाद में इस राहत को दिसंबर 2015 तक बढ़ा दिया गया। साथ ही निर्देश दिया गया कि एक जनवरी, 2016 से सभी नियोक्ताओं के लिए इंटरनेट बैंकिंग के जरिए पीएफ भुगतान करना जरूरी होगा।

इसके बाद भी 30 जून, 2016 तक ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को उनके अधिकार क्षेत्र में कंपनियों की समस्याओं से संतुष्ठ होने की स्थिति में भौतिक रूप से भुगतान की अनुमति दे दी थी। ईपीएफओ के अधिकारी ने कहा कि 30 जून, 2016 के बाद भौतिक रूप से पीएफ का भुगतान करने का कोई प्रावधान नहीं है। अब सभी नियोक्ताओं को अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रानिक तरीके से ही पीएफ जमा कराना होगा। नियोक्ता अब भविष्य निधि राशि भेजने के लिए तय 56 बैंकों में से किसी एक बैंक में खाता खोल सकते हैं।