रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि ब्राजीलियाई विमान निर्माता एंब्रेयर महज इस लिए भारतीय कानूनों से नहीं बच सकता है कि उसने भारत एवं तीन अन्य देशों को विमानों की बिक्री में भ्रष्टाचार को लेकर अमेरिकी अधिकारियों से एक करार कर रखा है। उन्होंने कहा कि ब्लैकलिस्ट नीति को अगले माह अंतिम रूप दे दिया जाएगा। रक्षामंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘20.8 करोड़ अमेरिकी डालर के सौदे की सीबीआई जांच भ्रष्टाचार, रिश्वत तथा साक्ष्यों के अनुसार जो भी लागू हो उसके बारे में भारतीय कानूनों के अनुरूप होगी।’उन्होंने कहा कि अमेरिकी कानून भारतीय कानूनों से भिन्न हैं। पर्रिकर ने कहा, ‘‘अमेरिकी कानून में सजा माफ (जुर्माना चुकाकर समझौता) हो सकता है। बहरहाल, भारत में आपराधिक कानूनों में सजा माफ नहीं हो सकती बशर्ते कृत्य बहुत मामूली प्रकृति का हो।’

रक्षा मंत्री से सवाल किया गया कि क्या एम्ब्रेयर द्वारा भारतीय वायुसेना को आपूर्ति किये गये एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यूईसीएस) को सेवा से हटा जाएगा। इस पर उन्होंने कहा कि विमानों को सेवा से हटाने का कोई सवाल ही नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता है कि राष्ट्रीय जरूरत एक प्राथमिकता है। वास्तव में मैं एक प्रस्ताव या ब्लैकलिस्ट के लिए दिशानिर्देश ला रहा हूं। अगली रक्षा अधिग्रहण परिषद इसे अंतिम रूप देगी।’’