आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में देश की विकास दर 6 से 6.5 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि सरकार की ओर से उठाए गए कुछ कदमों के चलते 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में यह ग्रोथ देखने को मिलेगी। बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.5 के स्तर पर पहुंच गई थी। बीते करीब एक दशक में देश की यह सबसे कमजोर आर्थिक ग्रोथ थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि देश में मंदी का जितना माहौल रहना था, रह चुका अब ग्रोथ होगी।
ग्रोथ रेट में कमी के चलते जॉब मार्केट में भी मंदी देखने को मिल रही है और इसके चलते हर साल लाखों लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने 31 मार्च को समाप्त हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ के 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जो 2008-09 के बाद से दशक की सबसे कम दर है।
आर्थिक सर्वे को हल्के बैंगनी रंग के कवर में पेश किया गया। 100 रुपये के नए नोट का रंग भी यही है। समीक्षा में कहा गया है कि संपत्ति का वितरण करने के लिए पहले उसका सृजन करने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में इसमें संपत्ति का सृजन करने वालों को सम्मान दिए जाने की जरूत पर बल दिया गया है। गौरतलब है कि इस बार आर्थिक सर्वे की थीम भी वेल्थ क्रिएशन ही रखी गई थी।