आवास ऋण मुहैया कराने वाली कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) ने खुदरा ग्राहकों एवं परियोजना डेवलपरों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए बैंकों से तत्काल 15,000 करोड़ रुपये कोष की मांग की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। पिछले हफ्ते ही कंपनी ने ऋणदाताओं के समक्ष समाधान योजना का मसौदा रखा है जिसे अभी अनुमति मिलनी बाकी है। सूत्रों ने बताया, ‘‘कंपनी ने 15,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त कोष की मांग की है। इसका उपयोग वह कोष की कमी से अटकी पड़ी अहम परियोजनाओं के वित्त पोषण में करेगी।’’ संपर्क करने पर डीएचएफएल के प्रवक्ता ने कहा कि उसके पास पिछले हफ्ते कंपनी द्वारा शेयर बाजार को उपलब्ध कराई गई समाधान योजना के मसौदे के अलावा अलग से कोई जानकारी नहीं है।

समाधान योजना के मसौदे के अनुसार कंपनी ने बैंकों और राष्ट्रीय आवास बैंक से खुदरा वित्त पोषण दोबारा शुरू करने के लिए कहा है। कंपनी के नकदी संकट में घिरने के बाद इस पर रोक लगा दी गयी थी। गौरतलब है कि बीते माह भी कंपनी को लेकर अच्छी खबर नहीं थी। होम लोन देने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन यानी डीएचएफएल को 2018-19 की चौथी तिमाही में 2,223 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। कंपनी पर बैंकों और निवेशकों के 1 लाख करोड़ रूपये के आसपास की देनदारी है। किसी तिमाही में यह कंपनी को हुआ आज तक का सबसे बड़ा घाटा है।

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गौरतलब है कि कर्ज के बोझ तले दबी डीएचएफएल को इससे पहले 2017-18 की जनवरी-मार्च तिमाही में 134.35 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। डीएचएफएल ने कहा है कि कंपनी की पूंजी जुटाने की क्षमता काफी कम हो गई है और कारोबार ठप पड़ गया है। इन घटनाक्रमों ने कंपनी की आगे कारोबार जारी रखने की क्षमता पर गंभीर खतरा खड़ा कर दिया है। कंपनी ने शनिवार को बताया, ”सितंबर 2018 के बाद कर्ज वितरण और कर्ज वृद्धि में सुस्ती से इस तिमाही में कंपनी की माली हालत बेहद खराब हुई है।

भाषा के इनपुट के साथ।