राजस्व विभाग ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के फायदे गिनाते हुए सोमवार (29 अगस्त) को कहा कि इससे उपभोक्ता सामान सस्ता होगा, खपत बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘ … जीएसटी से भारत में एकीकृत साझा राष्ट्रीय बाजार बनेगा, विदेशी निवेश और मेक इन इंडिया अभियान को इससे बढ़ावा मिलेगा।’ सीबीईसी ने कहा है कि ज्यादातर खुदरा विक्रेता जीएसटी के दायरे से बाहर होंगे इससे ‘ग्राहकों के लिए उत्पाद सस्ते होंगे।’ इसमें कहा गया है कि इसके अलावा नए कर प्रशासन से आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

लंबे समय से लटका पड़ा जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक इस माह की शुरुआत में संसद में पारित हो गया। इस विधेयक के पारित होने से जीएसटी को अमल में लाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। जीएसटी केन्द्र और राज्यों द्वारा लगाये जाने वाले एक दर्जन से अधिक करों का स्थान लेगा। इसमें केन्द्रीय स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, सेवाकर समाहित होंगे साथ ही राज्यों में लगने वाला बिक्री कर, मूल्य वर्धित कर (वैट) तथा अन्य स्थानीय कर भी समाहित होंगे। इससे राज्यों के बीच माल का आवागमन अवरोध मुक्त होगा।

जीएसटी की नई व्यवस्था में विभिन्न बिंदुओं पर कर देने के बजाय सामान के खपत बिंदु पर ही कर लगाया जाएगा। व्यापार एवं उद्योग के लिए इसके फायदे बताते हुए कहा गया है कि इससे अनुपालन लागत भी कम होगी। करदाता को विभिन्न प्रकार के करों का रिकार्ड रखने की आवश्यकता नहीं होगी। सीबीईसी ने कहा है कि कुछ छूट के साथ नई कर व्यवस्था ‘सरल’ होगी।