केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग से कालेधन का खुलासा करने की मौजूदा एकबारगी योजना का प्रचार करने को कहा है। आयकर विभाग से कहा गया है कि वह इस अनुपालन खिड़की का विज्ञापन पॉश बाजारों, क्लबों व शोरूम में करे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जो लोग काले धन की घोषणा कर रहे हैं उनके नाम गोपनीय रहें। आय घोषणा योजना (आईडीएस) को सफल बनाने के लिए बोर्ड ने कुछ नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। कर अधिकारियों से कहा गया है कि वे इन दिशानिर्देशों के हिसाब से काम करें।
दिशानिर्देश में कहा गया है कि आयकर विभाग देशभर में उन स्थानों पर इस योजना के बारे में जानकारी दे जहां इस तरह के लोग आते हैं, जिनके पास कालाधन हो सकता है। इनमें क्लब हाउस, पॉश बाजार तथा महंगे उत्पादों के शोरूम शामिल हैं। इस तरह का प्रचार संदेश और पोस्टर स्थानीय मेलों, फेट तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी लगाने का निर्देश दिया गया है। सीबीडीटी ने कहा है कि उन लोगों का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाए, तो इस योजना के तहत कालेधन की घोषणा करना चाहते हैं। उन्हें अपनी घोषणा बाधारहित माहौल में करने की सुविधा मिलनी चाहिए।
ऐसे में कालेधन की घोषणा करने के इच्छुक व्यक्ति का संपर्क सिर्फ एक अधिकृत अधिकारी आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त से होना चाहिए। इस विचार के पीछे मकसद यह है कि घोषणा करने वाले व्यक्ति को सिर्फ एक अधिकारी से ही संपर्क करना पड़े, जिससे उसकी गोपनीयता कायम रखी जा सके। विभाग से कहा गया है कि इस कार्य के लिए नियुक्त अधिकारी के पास संपर्क की बेहतर क्षमता होनी चाहिए और अधिकृत कर कार्यालयों में इसके लिए विशेष कमरा तय किया जाना चाहिए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कल राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने सीबीडीटी के अधिकारियों के साथ आईडीएस की प्रगति की समीक्षा की। इसके बाद आयकर विभाग के सभी फील्ड कार्यालयों को ये निर्देश जारी किए गए। अधिकारी ने बताया कि अधिया ने कहा है कि इस योजना के तहत बेहतर संग्रहण के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जाए और कोई कमी न रहने दी जाए। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि आईडीएस के तहत घटनाक्रमों पर सरकार में उच्चस्तर से निगरानी की जा रही है। ऐसे में इसके बेहतर प्रचार के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए।