माइलेज टू व्हीलर सेक्टर का वो फीचर है जिसे देखते हुए ही अक्सर नए स्कूटर और बाइक को खरीदा जाता है। लेकिन जैसे जैसे बाइक या स्कूटर पुराने होने लगते हैं तो उनकी माइलेज भी कम होने लगती है जिससे परेशान होकर लोग नया टू व्हीलर खरीदना चाहते हैं।
अगर आपकी बाइक या स्कूटर भी पुराना हो चुका है और भी माइलेज को लेकर परेशान रहते हैं और नया व्हीकल खरीदने का प्लान भी बना रहे हैं तो उससे पहले यहां जान लीजिए उन टिप्स और ट्रिक्स की पूरी डिटेल जो आपकी बाइक की माइलेज नई जैसी हो सकती है।
सर्विस- अक्सर लोग अपने नए टू व्हीलर की सर्विस तो कंपनी के सर्विस सेंटर से करवाते हैं लेकिन जैसे जैसे वो पुराना होने लगता है लोग अपने आस पास के लोग मैकेनिक से सर्विस करवाने लगते हैं। इसका सीधा असर टू व्हीलर की माइलेज पर पड़ता है।
इसलिए सर्विस करवाते वक्त थोड़े पैसे बचाने का लालच छोड़कर अपने टू व्हीलर की सर्विस कंपनी के सर्विस सेंटर पर ही करवाएं ताकी ये सुनिश्चित हो सके की बाइक में लगने वाले पार्ट और उसकी सर्विस दोनों गुणवत्ता वाले हैं।
इंजन ऑयल- इंजन ऑयल डलवाते वक्त अक्सर लोगों को ये गलतफहमी होती है कि सब इंजन ऑयल एक जैसे होते हैं। इसलिए अक्सर कम कीमत वाला इंजन ऑयल डलवाते हैं। मगर ऐसा करना आपकी बाइक के इंजन के लिए खतरनाक साबित होता है क्योंकि सस्ते के चक्कर में लोग मिलावट और घटिया क्वालिटी का इंजन ऑयल डलवाते हैं।
सस्ता इंजन ऑयल डालने से इंजन की परफॉर्मेंस पर प्रभाव पड़ता है जिससे माइलेज कम हो जाती है और साथ ही इंजन के सीज होने का खतरा भी बना रहता है। इसलिए थोड़े पैसों के लालच में बड़ा नुकसान होने से बचें और अच्छे ब्रांड का इंजन ऑयल ही डलवाएं।
स्पीड- अक्सर लोग अपने टू व्हीलर की माइलेज को लेकर शिकायत तो करते हैं लेकिन कंपनी द्वारा माइलेज के लिए बताई गई स्पीड के मुताबिक बाइक नहीं चलाते जिससे बाइक ज्यादा माइलेज नहीं देती।
अगर आप अपनी बाइक से कंपनी के द्वारा बताई गई माइलेज हासिल करना चाहते हैं तो बाइक हमेशा 40 से 45 किलोमीटर की स्पीड पर ही चलाएं क्योंकि ये स्टैंडर्ड स्पीड है जिसमें बाइक चलाने पर तेल की बचत होती है और माइलेज बढ़ती है।
रेड लाइट इंजन ऑफ- रेड लाइट पर रुकने के बाद अक्सर लोग अपने टू व्हीलर का इंजन ऑफ नहीं करते जिसके चलते पेट्रोल की खपत ज्यादा होती है क्योंकि खड़े टू व्हीलर का इंजन चालू रहने पर वो नॉर्मल से ज्यादा पेट्रोल की खपत करता है। इसलिए रेड लाइट चाहें 1 मिनट की हो या 15 सेकेंड की वहां इंजन ऑफ करने में ही समझदारी होती है। क्योंकि घड़ा बूंद बूंद से भी भरता है।
