देश में लगातार बढ़ रहे हरित वाहनों की संख्या के बाद अब केंद्र सरकार ने बैटरी के लिए नई अदला बदला नीति का प्रावधान किया है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए शहरी क्षेत्रों में स्थान की कमी को पूरा करने के लिए यह पहल की जा रही है।
योजना के तहत केंद्र सरकार एक बैटरी अदलाबदला नीति लेकर आएगी तथा अंतर चालनीय तैयार किए जाएंगे। इस नीति से जगह की कमी को पूरा किया जा सकेगा। नई नीति के तहत प्रावधान होगा कि निजी क्षेत्र को इस सेवा क्षेत्र में बैटरी अथवा ऊर्जा के लिए धारणीय और नव प्रवर्तनकारी व्यवसाय माडल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे ई नीति पारितंत्र की प्रभावकारिता में सुधार होगा।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने ई वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फेम इंडिया के तहत भी प्रावधान किए हैं। सरकार ने वर्तमान चालू वित्त वर्ष में 25 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए 2877 ई वाहन चार्जिंग स्टेशन तैयार करने की योजना बनाई है। एक्सपे्रस वे पर नौ और 16 राजमार्गो पर 1576 स्टेशन बनाए जाने है। सरकार की योजना के तहत सब्सिडी के माध्यम से देश भर में 7090 बसें, 5 लाख तिपहिये, 55000 ई चौपहिया वाहन और 10 लाख ई वाहनों सहायता देने की योजना बनाई थी।
कृषि अपशिष्ट का प्रयोग होगा थर्मल प्लांट में : कार्बन तत्व की कमी लाने के लिए केंद्र सरकार इस वित्त वर्ष में 5 से 7 फीसद बायोमास पेलेट को बिजली घरों (थर्मल पावर प्लांट ) में प्रयोग करेगी। इसकी मदद से प्रतिवर्ष 38 एमएमटी कार्बन डाइ आक्साइड की बचत होगी। सरकार का मानना है कि इससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इससे हर साल पराली से होने वाले प्रदूषण के खतरे से भी बचा जा सकेगा।
बाघ हाथी परियोजनाओं के लिए राज्यों को मिलेगा पैसा : बाघ और हाथी परियोजना के लिए आवंटन में इस वर्ष बजट में वृद्धि की गई है। इसमें क्रमश: 50 करोड़ रुपए और दो करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है। बाघ परियोजना और हाथी परियोजना के लिए पिछले वर्ष क्रमश: 250 करोड़ रुपए और 33 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।
क्या बोले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस बजट में पर्यावरण से संबंधित सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है और परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए सभी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। बजट आम जनता की सभी योजनाओं को पूर्ण करने और पर्यावरण सुधार के लिए एकदम अनुकूल है।