स्वास्थ्य व महिला कल्याण बजट का स्वास्थ्य क्षेत्र ने स्वागत किया है लेकिन इसमें और बढ़ोतरी किए जाने की दरकार भी बताई है। विशेषज्ञों ने कहा है कि भारी उम्मीदों के बीच, केंद्रीय बजट 2020 में सरकार ने कुछ अच्छे उपाय किए हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपए का आबंटन भी उस समय दिया गया है जब इस खंड पर खासा जोर दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के उद्देश्य के साथ, मिशन इंद्रधनुष को नई बीमारियों और टीकों को कवर करने के लिए बढ़ाए जाने का भी स्वास्थ्य जगत ने स्वागत किया है। बलात्कार पीड़ितों की मदद के लिए अस्पतालों में बनने वाले ‘वन स्टॉप सेंटर’ योजना के लिए भी बजटीय आबंटन में बड़ी बढ़ोतरी हुई है और मौजूदा वित्त वर्ष के 204 करोड़ रुपए की अपेक्षा आगामी वित्त वर्ष के लिए 385 करोड़ का आबंटन किया गया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए बजटीय आबंटन 2300 करोड़ रुपए से बढ़ा कर 2500 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिला को उसके बच्चे के जन्म पर छह हजार रुपए दिए जाते हैं। सफदरजंग अस्पताल की महिला रोग विभाग की डॉ दिव्या का कहना है कि इससे महिला स्वाथ्य को बेहतर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि महिला पोषण बढ़ने से शिशु स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकेगा। साथ ही उन्होने संसाधन बढ़ाए जाने की जरूरत भी बताई।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष का केके अग्रवाल ने कहा कि गैर-संचारी रोगों और नई महामारियों के प्रसार में वृद्धि को देखते हुए यह एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि 112 एस्पिरेशनल जिलों में स्थापित किए जाने वाले सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की भागीदारी से बनने वाले अस्पताल के प्रस्ताव भी स्वागत योग्य कदम हैं।
गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच की आवश्यकता है और देश के सभी जिलों में जन आयुषी केंद्रों के विस्तार से इसे हासिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही सरकार का यह भी लक्ष्य है कि 2025 तक इस स्थिति की व्यापकता को समाप्त करने के लिए टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान को मजबूत किया जाए। वायु, जल और स्वच्छता तीन ऐसे मुद्दे हैं जिन पर देश में तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

