मोदी सरकार का अंतिम बजट एक फरवरी को आने वाला है। ये लोकसभा चुनाव से पहले आ रहा है एक अंतरिम बजट ह जिस पर सभी की निगाहें हैं। बजट के ऐलानों पर तो सभी की नजर रहने ही वाली है, लेकिन उससे पहले इस बजट का गणित समझना जरूरी है। जो सवाल आपके मन में आ जाते हैं, उनके जवाब यहां बता दिए गए हैं।

बजट कब और कितने बजे पेश किया जाएगा?

देश में बजट एक फरवरी को सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। पहले जरूर शाम को बजट पेश करने की परंपरा होती थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे बदलने का काम किया।

बजट लाना सरकार के लिए क्यों जरूरी?

किसी भी सरकार को अपनी आय को खर्चे के साथ संतुलित करना पड़ता है, इसे करने के लिए ही बजट बनाना होता है। कितना खर्चा हुआ, कहां खर्चा करना है, ये सबकुछ बजट ही तय करता है।

अंतरिम बजट क्या होता है?

असल सरकार जब अपने आखिरी साल में होती है, तब चुनाव नजदीक होते हैं, ऐसे में जो बजट पेश किया जाता है, वो सिर्फ तब तक के लिए होता है जब तक नई सरकार चुनकर नहीं आ जाती। यानी कि कुछ महीनों के लिए जब बजट पेश किया जाता है, उसे अंतरिम कहते हैं। इस बजट में आम बजट की तरह सबकुछ होता है, बस खर्चों को लेकर ज्यादा विस्तृत जानकारी नहीं मिलती।

बजट की हलवा सेरमेनी क्या होती है?

जिस तरह किसी भी शुभ काम करने से पहले मुंह मीठा करवाया जाता है, बजट से पहले भी यहीं परंपरा सालों से चली आ रही है। वित्त मंत्री खुद एक बड़ी करछी से हलवा अपने साथी कर्मचारियों को परोसती हैं। ये भी माना जाता है कि हलवा सेरमेनी के बाद ही बजट की छपाई को हरी झंडी दिखाई जाती है।

बजट में विपक्ष क्या परिवर्तन करवा सकता है?

बजट में विपक्ष के सुझावों को मानने की परंपरा चली आ रही है। अगर बजट के किसी भी बिंदू को किसी को आपत्ति होती है तो वोटिंग के जरिए संशोधन की मांग की जा सकती है।

लोकप्रिय बजट क्या है?

लोकप्रिय बजट का सरल शब्दों में मतलब ये होता है कि सरकार सिर्फ लोगों को खुश करने पर सारा जोर दे। जैसे फ्री की रेवड़ियां दी जाती हैं, उसी तरह लोकलुभावन वादों की रेवड़ियां जनता को परोस दी जाएं। इस स्थिति में अर्थव्यवस्था पर बोझ भी बढ़ सकता है और महंगाई बढ़ने की भी आशंका रहती है।

इस साल के बजट में किस बात पर फोकस?

इस साल के बजट में महिलाओं पर खास जोर दिया जा सकता है। ऐसी खबरें है कि महिला किसानों के लिए सम्मान निधि को बढ़ाया जा सकता है। इसे 6000 से बढ़ाकर 12000 किया जा सकता है।