Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश कर दिया है। इस बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं, दावा हुआ है कि विकसित भारत का रोडमैप तैयार हो चुका है। लेकिन तीन राज्य जिनमें आने वाले महीने में चुनाव होने वाले हैं, उनको लेकर बजट में कोई खास ऐलन नहीं दिखा है। असल में अगले तीन से पांच महीने में महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं।

चुनावी राज्य और फ्री राशन योजना

अब बजट में अलग से इन तीनों ही राज्यों को लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन सरकार ने मुफ्त राशन योजना का दायरा और ज्यादा बढ़ा दिया है। कहा गया है कि पांच किलो राशन और अगले पांच सालों तक दिया जाएगा। अब बड़ी बात यह है कि सरकार के कुल 35 लाख लाभार्थी इन तीन राज्यों से ही निकलते हैं। असल में जब सरकार के आंकड़े चेक किए जाते हैं तो पता चलता है कि महाराष्ट्र में 1 करोड़ 10 लाख लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। झारखंड में यह आंकड़ा 34 लाख के आसपास बैठता है और हरियाणा में 12 लाख के करीब लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है।

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बीजेपी के लिए क्यों जरूरी लाभार्थी?

अब अगर इन तीनों ही राज्यों के आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो 35 लाख के आसपास लाभार्थी बैठते हैं। सरकार का फोकस है कि इस बड़े लाभार्थी वोटबैंक को अपने पास ही रखा जाए। पिछले कुछ सालों में भी इस वोटबैंक ने बीजेपी को चुनाव के समय में काफी लाभ दिया है, उसे गरीब तबके का अच्छा खासा वोट मिला है। इस बार लोकसभा चुनाव में वैसे भी पिछड़ा वोट पार्टी से छिटका है, ऐसे में फिर उसे हासिल करने में फ्री राशन योजना निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

क्या है फ्री राशन स्कीम?

असल में कोरोना काल के दौरान 2020 में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत की थी। उस योजना के तहत लाभार्थियों को 5 किलो अनाज फ्री में मिलना था। बीपीएल कार्ड वाले हर परिवार को एक महीने का पांच किलो राशन देने की बात थी। इसमें चार किलो गेंहूं और एक किलो चावल शामिल था। सरकार का ही आंकड़ा कहता है कि 80 करोड़ लोगों को इस योजना का फायदा मिला है। वहां भी सबसे ज्यादा 15.21 करोड़ लाभार्थी तो उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं, दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां 3.82 करोड़ परिवारों तक फ्री राशन पहुंचा है। इसके बाद नंबर पंजाब का आता है, फिर उत्तराखंड का, फिर हिमाचल, फिर मणिपुर और आखिर में गोवा</p>