Budget 2020 Income Tax Expectations: आम बजट को लेकर इस बार मध्यम वर्ग और वेतनभोगी कर्मचारियों की सबसे ज्यादा उम्मीद इनकम टैक्स स्लैब में कटौती को लेकर ही है। पिछले साल सितंबर में कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद से सैलरीड क्लास की आयकर में राहत की आस और बढ़ गई है। मौजूदा टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगता, जबकि ढाई लाख से 5 लाख तक पर 5 फीसदी टैक्स लग रहा है। इसके बाद 5 से 10 लाख तक पर 20 फीसदी टैक्स लगता है और उससे ऊपर की आय पर यह 30 पर्सेंट है।
वेतनभोगी कर्मियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार उन्हें कुछ राहत देगी ताकि सैलरी का अधिक हिस्सा उनकी जेब में आ सके। अब तक सरकार ने सप्लाई पर ध्यान दिया है और कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स में राहत दी है। हालांकि बाजार में तेजी सप्लाई से ज्यादा डिमांड के चलते आती है, जो आम लोगों के पास पैसे की कमी के चलते कमजोर है। ऐसे में सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह डायरेक्ट टैक्स स्लैब में कुछ राहत देगी ताकि लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे हों।
डिमांड बढ़ाने को जरूरी पर्सनल टैक्स में कटौती: टैक्स में कटौती से बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिल सकती है। टैक्स से जुड़े मामलों के जानकारों के मुताबिक यदि सरकार आम लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाना चाहती है और मांग में इजाफा चाहती है तो टैक्स में छूट की सीमा 5 लाख रुपये तक कर दी जानी चाहिए।
5 लाख तक होना चाहिए जीरो टैक्स: फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बातचीत में पिछले दिनों पीडब्ल्यूसी इंडिया के पर्सनल टैक्स लीडर कुलदीप कुमार ने कहा कि 5 लाख तक जीरो टैक्स होना चाहिए। इसके बाद 5 से 10 लाख तक की कमाई पर 20 की बजाय 10 पर्सेंट, 10 लाख से 20 लाख तक की कमाई पर 20 फीसदी और 20 से ऊपर की इनकम पर 30 पर्सेंट टैक्स होना चाहिए।
सेक्शन 80 C के तहत बढ़ेगी छूट की सीमा?: टैक्स स्लैब में कटौती के अलावा सैलरीड क्लास की अपेक्षा सेक्शन 80 सी की लिमिट को बढ़ाने की भी है ताकि सैलरी का बड़ा हिस्सा टैक्स बचाया जा सके। फिलहाल सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये है, जिसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये तक करने की मांग की जा रही है।
