उद्योग एवं वाणिज्य संगठन ‘एसोचैम’ ने महिलाओं को कॉरपोरेट सेक्टर की ओर प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट 2016 में कुछ सुझाव दिए है। एक्सपर्ट की नजर में इस दिशा में सबसे पहला कदम सिंगल मदर्स के लिए टैक्स स्लैब में छूट के रूप में उठाया जाना चाहिए। ‘एसोचैम’ ने सुझाव दिया है कि कामकाजी महिलाओं के लिए टैक्स स्लैब को 2,50,000 से बढ़ाकर 5,00,000 कर देना चाहिए।
एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनौरिया के मुताबिक, कई प्रकार के कैंसर ऐसे हैं, जो सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को ही होते हैं। महिलाओं को एक निश्चित आयु के बाद विशेष देखरेख की जरूरत होती है। ऐसे में इस दिशा अलग से प्रावधान किए जाने चाहिए। एसोचैम ने एक सुझाव यह भी दिया है कि केंद्र सरकार को महिलाओं के लिए चलाए जाने वाले सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम पर और ज्यादा खर्च करना चाहिए। सुरक्षा के लिए लिहाज से भारत में महिलाओं के लिए अच्छी स्थिति नहीं है। खासतौर से जो महिलाएं लेट नाइट शिफ्ट करती हैं, उनके लिए स्थिति और ज्यादा खराब है।
डोमेस्टिक सेक्टर में महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन यह क्षेत्र असंगठित है। इस सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं के लिए स्पेशल अलाउंस घोषित किए जाने चाहिए। उदाहरण के तौर पर 1600 से 2000 के बीच कन्वेंस अलाउंस।महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बजट में उनके लिए विशेष प्रस्ताव किए जाने की जरूरत है। संगठन ने अपने सुझाव में कार्यस्थलों पर क्रेच के लिए कर में छूट पर जोर देते हुए कहा कि विभिन्न व्यावसायिक क्रेच के लिए भी रियायत की व्यवस्था होनी चाहिए। उसने हर बच्चे के लिए 3000 रुपए प्रति माह बाल शिक्षा भत्ता के तहत देने की भी मांग की।
Read Also: BUDGET 2016: बढ़ सकती है INCOME TAX छूट की सीमा, और क्या हैं उम्मीदें