
इंटरैक्टिव फ्लैट-पैनल डिस्प्ले पर कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% की गई
बुने हुए कपड़े
मोबाइल फोन: मोबाइल फोन बैटरी उत्पादन के लिए 28 सामानों पर छूट
36 जीवन रक्षक दवाओं और औषधियों पर कस्टम ड्यूटी पर पूरी तरह छूट
EV बैटरी
LED
फ्रोजन फिश पेस्ट (सुरीमी): फ्रोजन फिश पेस्ट (सुरीमी) पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 30% से 5% की गई
चमड़ा
कैरियर-ग्रेड ईथरनेट स्विच
12 महत्वपूर्ण खनिज
ओपन सेल
जहाजों के निर्माण के लिए कच्चे माल पर कस्टर ड्यूटी पर अगले 10 साल के लिए छूट
समुद्री उत्पाद
कोबाल्ट उत्पाद
जिंक, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप
बजट एक वित्तीय वर्ष में किसी सरकार द्वारा उसकी इनकम और खर्चे का प्लान है। आसान भाषा में कहें तो एक वित्तीय वर्ष में सरकार कितना कमाएगी और कितना खर्च करेगी, इसी प्लानिंग को ही बजट कहते हैं। बजट में खर्चों की एक व्यापक सूची होती है।
अंतरिम और अंतिम बजट में क्या अंतर है?
सरकार अंतरिम बजट तब पेश करती है जब उसके पास अंतिम बजट की तैयारी के लिए जरूरी समय नहीं होता है। ऐसा अक्सर तभी होता है, जब आम चुनाव निकट होते हैं और वर्तमान सरकार पूर्ण बजट तैयार करने का काम चुनाव के नतीजों के बाद छोड़ती है। चूंकि केंद्रीय बजट वित्तीय वर्ष के अंत यानी 31 मार्च तक वैध होता है, इसलिए सरकार का खर्च करने का अधिकार केवल उसी तारीख तक होता है। इसलिए जब केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले अंतिम बजट पेश नहीं कर पाती है, तो उसे नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के दिन से लेकर नया बजट पारित होने तक खर्च करने के लिए संसदीय मंजूरी की आवश्यकता होती है। तकनीकी रूप से यह पूर्ण बजट की तरह ही है और जैसा कि नाम से पता चलता है, केवल अस्थायी अवधि के लिए है।