वित्त मंत्रालय सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को बंद करने के पक्ष में नहीं है। दूरसंचार विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह संकेत दिए। यह पूछे जाने पर कि क्या वित्त मंत्रालय बीएसएनएल को बंद करने के पक्ष में है , इस पर दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश ने कहा ,यह जानकारी गलत है। दूरसंचार सचिव ने मोबाइल टावर से जुड़े उद्योग संगठन ताइपा की सालाना आम बैठक के मौके पर अलग से यह बात कही। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले मंत्रियों के समूह ने दूरसंचार विभाग की प्रस्तावित पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दी है। मंत्रियों के समूह ने जुलाई में घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों के पुनरुद्धार के लिए प्रस्तावित पैकेज को मंजूरी दे दी थी। इस समूह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद भी थे।
हालांकि , बाद में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर 80 से अधिक आपत्तियां उठा दी थीं। दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल के उद्धार के लिए 74,000 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव किया है , क्योंकि इसको बंद करने में भी सरकार को 95,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इस योजना में कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के लिए 29,000 करोड़ रुपये , 4 जी स्पेक्ट्रम के लिए 20,000 करोड़ रुपये और 4 जी सेवाओं को पूंजीगत खर्च के वित्तपोषण के लिए 13,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह शिखर वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के भारत के फैसले पर दो एशियाई देशों के बीच तनाव कायम हैं।
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इससे पहले खबरें आई थीं कि कंपनी के पुनरुद्धार की योजना अधर में लटक गई है। वित्त मंत्रालय ने कथित तौर पर दूरसंचार विभाग (DoT) के 74,000 करोड़ रुपये के बड़े पैकेज को हरी झंडी देने से इनकार कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि DoT कंपनी को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ वैकल्पिक प्रस्ताव लेकर आए।
(भाषा इनपुट्स के साथ)