घाटे में चल रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल को घाटे से उबारने के लिए कर्मचारी यूनियन ने उपाए बताए हैं। बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन ने कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक से यूनियनों के साथ नियमित बातचीत करने को कहा है।
यूनियन का कहना है कि उनके पूर्ववर्ती भी ऐसा करते थे और इससे घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी के जल्द पुनरुद्धार में मदद मिलेगी। हालांकि, बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पीके पुरवर ने कहा है कि वह यूनियनों और कर्मचारियों के साथ लगातार बैठक करते हैं। यहां तक कि वह कर्मचारियों से व्यक्तिगत मिलकर उनका सुझाव और सलाह लेते हैं।
पुरवर को लिखे पत्र में यूनियन ने कहा है कि 2016 के मध्य में तत्कालीन चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने प्रबंधन की पहल ‘नाइट फ्री कॉलिंग’ और ‘ऑल इंडिया फ्री रोमिंग’ में यूनियनों और संघों को शामिल किया था। उस समय कर्मचारियों ने अपने काम के घंटों के बाद इन योजनाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए काम किया था, जिससे कंपनी के ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी।
आपको बता दें कि Reliance Jio के साथ बीएसएनएल एकमात्र कंपनी है जिसके मोबाइल ग्राहकों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। मार्च, 2020 में बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 10.35 प्रतिशत हो गई है, जो मार्च, 2018 में 9.44 प्रतिशत थी।
बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन के महासचिव पी अभिमन्यु ने सात जनवरी को लिखे पत्र में कहा है कि यूनियन प्रबंधन को विभिन्न पहल पर मिली जानकारी के आधार पर कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती हैं।