घाटे में चल रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी ‘भारत संचार निगम लिमिटेड’ (BSNL) को 80,000 कर्मचारियों के वीआरएस यानी स्वैच्छिक रिटायरमेंट स्कीम का विकल्प चुनने की उम्मीद है, जिससे कंपनी को करीब 7,500 करोड़ रुपए की बचत होगी। राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी सोमवार (4 अक्टूबर, 2019) से कर्मचारियों के वीआरएस के लिए आवेदन की प्रक्रिया के विकल्प को शुरू करने जा रही है। बता दें कि कंपनी अपने कर्मचारियों को अक्टूबर माह की सैलरी भी नहीं दे पाई है। दरअसल बीएसएनएल की योजना है कि 50 साल से ऊपर के उम्र के कर्मचारियों को वीआरएस की पेशकश की जाए। कंपनी को उम्मीद है की कम से कम 80 हजार कर्मचारी इसका लाभ उठाएंगे।

पूरे मामले से अवगत एक विश्वसनीय सूत्र ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से कहा, ’30 दिवसीय वीआरएस विंडो सोमवार से खुलेगी। प्रबंधन और यूनियनों ने इसके लिए योग्य कर्मचारियों से आवेदन करने का अनुरोध किया है। प्रस्तावित वीआरएस फॉर्मुला के तहत कर्मचारियों को अपनी सेवा के बचे हुए वर्षों के लिए 100 से 125 फीसदी तक वेतन मिलेगा, इसमें रिटायरिंग महीने सैलरी के आधार पर पेंशन भी शामिल है।’ सूत्र ने बिजनेसल लाइन को बताया कि वीआरएस लागू होने में करीब तीन महीने का समय लगेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वीआरएस योजना से कंपनी की सेवा में किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि बीएसएनएल को उम्मीद है कि अगर 80,000 कर्मचारी स्वेच्छा से वीआरएस लेते हैं तो कंपनी को करीब 7,500 करोड़ रुपए की बचत होगी। कंपनी में मौजूदा समय में करीब 1.59 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं जिनमें से करीब 1.6 लाख कर्मचारियों की उम्र से पचास वर्ष से अधिक है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में कंपनी की कर्मचारी लागत 14,492 करोड़ रुपए थे।

बता दें कि कंपनी अक्टूबर माह में कर्मचारियों की सैलरी भी देने में नाकाम रही जो बीते गुरुवार को सभी कर्मचारियों के खातों में जमा की जानी थी। बताया जाता है कि इस बार भी कर्मचारियों की सैलरी 15-20 दिन देरी से मिलने की उम्मीद है। सूत्र ने बताया कि कर्मचारियों की सैलरी अगले तीन-चार महीने तक देरी से मिलती रहेगी।