Disinvestment of Bharat Petroleum:  भारत की सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड रूस की सरकारी कंपनी रोजनेफ्ट के हाथों बिक सकती है। रूस की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी ने यह इच्छा जाहिर की है। सूत्रों के मुताबिक रोजनेफ्ट के सीईओ इगोर सेचिन ने अपने प्लान के साथ बुधवार को पट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। सरकार का भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी बेचकर 60,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है।

गुजरात के जामनगर में स्थित देश की दूसरी सबसे बड़ी प्राइवेट ऑयल रिफाइनरी में रोजनेफ्ट की पहले से ही बड़ी हिस्सेदारी है। अब भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी खरीदने पर देश के तेल मार्केट में रूसी कंपनी की बड़ी भूमिका हो जाएगी। रूसी कंपनी की योजना दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल मार्केट भारत में तेजी से अपने पैर पसारने की है।

रोजनेफ्ट के सीईओ ने नाश्ते पर की धर्मेंद्र से मुलाकात: मोदी सरकार की निजीकरण की योजना का सबसे अहम हिस्सा बीपीसीएल का प्राइवेटाइजेशन भी है। सरकार इस कंपनी में अपनी 53 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी को बेचने जा रही है। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सेचिन ने सबसे पहले प्रधान से नाश्ते के वक्त मुलाकात की। इसके बाद एक बार फिर से वह अपने पूरे डेलिगेशन के साथ मिले। इस बातचीत के दौरान सेचिन ने भारत पेट्रोलियम में निवेश करने की इच्छा जाहिर की।

सऊदी तेल कंपनी अरामको भी ला सकती है बोली: एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार को भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी के लिए सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको, यूएई की ADNOC के बोली से जुड़ने की उम्मीद है।

नवंबर में सरकार ने दी थी विनिवेश को हरी झंडी: केंद्रीय कैबिनेट ने नवंबर, 2019 में ही भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी बेचे जाने की मंजूरी दी थी। इसके बाद हाल ही में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि जल्दी ही कंपनी की हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी किया जाएगा, जिसके जरिए कंपनियों को बोली के लिए आमंत्रित किया जाएगा।