केंद्र सरकार तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम का निजीकरण करने जा रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि कंपनी से जु़ड़े एलपीजी ग्राहकों को क्या गैस सिलेंडर लेने पर सब्सिडी मिलेगी या नहीं। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय ने कंपनी के निजीकरण के बाद भी ग्राहकों को सब्सिडी जारी रखने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से सब्सिडी वाले एलपीजी ग्राहकों के बीच भी निजी कंपनियां पैठ बना सकेंगी। दरअसल सरकार इस फैसले के जरिए निजी कंपनियों को भी समान अवसर देने की तैयारी कर रही है, जो अब तक सब्सिडी वाले एलपीजी ग्राहकों तक नहीं पहुंच सकी हैं। सरकार के इस फैसले से रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को मदद मिलेगी, जो लंबे समय से 28 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

बता दें कि बीते साल ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नायरा एनर्जी समेत कई निजी कंपनियों ने सरकार से मांग की थी कि उन्हें सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर बेचने की अनुमति मिलनी चाहिए और सब्सिडी ट्रांसफर मेकेनिज्म का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। आईसीआरए के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ने कहा, ‘निजी कंपनी हो या फिर सरकारी सब्सिडी सीधे तौर पर ग्राहकों के खाते में जाएगी। सरकार बीपीसीएल के निजीकरण की ओर बढ़ रही है। मेरा मानना है कि सब्सिडी पर सभी कंपनियों को लेकर सरकार की एक समान नीति होनी चाहिए।’

बता दें कि फिलहाल रिलायंस गैस और सुपर गैस जैसी निजी कंपनियां सब्सिडी वाले एलपीजी ग्राहकों को सप्लाई नहीं कर सकती हैं। वहीं सरकारी कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल, बीपीसीएल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के ग्राहकों को एलपीजी की सब्सिडी सीधे तौर पर उनके बैंक खातों में ट्रांसफर होती है। भारत पेट्रोलियम के देश भर में 7.2 करोड़ एलपीजी ग्राहक हैं, इनमें से 2.3 करोड़ ग्राहक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना स्कीम से जुड़े हैं। फिलहाल देश भर में बीपीसीएल के 6,133 एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर हैं और 51 बॉटलिंग प्लांट हैं।