Banking & PSU Funds : अगर आप इक्विटी एक्सपोजर से बचना चाहते हैं, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम से बेहतर रिटर्न के लिए किसी सुरक्षित विकल्प की तलाश कर रहे हैं तो बैंकिंग एंड पीएसयू म्यूचुअल फंड एक विकल्प हो सकता है. बैंकिंग एंड पीएसयू म्यूचुअल फंड के लॉन्ग टर्म रिटर्न चार्ट को देखें तो बहुत सी स्कीम ऐसी हैं, जिनमें एफडी जैसा या कुछ बेहतर रिटर्न मिल रहा है. सबसे खास बात यह है कि इनकी पेपर क्वालिटी बेहतर होती है और इन्हें हाई रेटिंग मिली होती है. इसी वजह से ये निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प हैं. बाजार के बेहतर रहने पर ये एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न देते हैं. आने वाले दिनों में रेट कट की उम्मीद है और दरें कम होने पर इनका प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है.
बैंकिंग एंड पीएसयू फंड के बारे में
बैंकिंग एंड पीएसयू फंड एक तरह के फिक्स्ड इनकम फंड होते हैं. ये स्कीम डेट म्यूचुअल फंड कैटेगरी में आती हैं. ये स्कीम डेट और मनी मार्केट में निवेश करते हैं. इन्हें बैंक, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) और पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (PFI) द्वारा जारी किया जाता है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के नियमों के मुताबिक बैंकिंग और पीएसयू फंड्स को अपने कुल एसेट्स का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा इसी तरह के संस्थाओं में निवेश करना होता है. डेट और मनीमार्केट के तहत जो बैंक और पीएसयू फंड्स जारी किए जाते हैं, उनकी क्रेडिट क्वालिटी दूसरे विकल्पों से बेहतर होती है. ऐसी लिस्टेड कंपनियां आमतौर पर लार्ज-कैप होती हैं और उन्हें टॉप क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से हाई रेटिंग मिली होती है.
10 साल में इन स्कीम का रिटर्न (एनुअलाइज्ड)
ABSL बैंकिंग एंड पीएसयू फंड : 8.12%
ICICI प्रू बैंकिंग एंड पीएसयू फंड : 8.04%
इडेलवाइस बैंकिंग एंड पीएसयू फंड : 8%
एचडीएफसी बैंकिंग एंड पीएसयू फंड : 8%
कोटक बैंकिंग एंड पीएसयू फंड : 7.90%
(Source : Value Research)
बैंकिंग और पीएसयू फंड के फायदे
-आने वाले दिनों में रेट कट की संभावनाएं बन रही हैं और ब्याज दरों के नीचे आने के दौर में ये फंड अच्छा प्रदर्शन करते हैं.
-ऐसा नहीं है कि रेट हाइक में ये रिटर्न खराब कर देते हैं, बल्कि इसमें निगेटिव रिस्क लिमिटेड होते हैं.
-अच्छी क्रेडिट क्वालिटी होने के चलते ये स्कीम मैच्योरिटी पर स्टेबल और आकर्षक रिटर्न देती हैं.
-ये स्कीम लो रिस्क इन्वेस्टमेंट हैं. सेबी का नियम ऐसा है कि ये स्कीम जिन विकल्पों में आपका पैसा लगाती हैं, वे सभी विकल्प अच्छी क्वालिटी और हाई रेटिंग वाले होते हैं.
-रेट कट के दौर में ये फंड ट्रेडिशनल स्माल सेविंग्स के मुकाबले हाई रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं.
-शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी के चलते फंड लंबे समय तक लॉक नहीं होता है.
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क्या छिपा है कोई जोखिम
बैंकिंग और पीएसयू फंड में कुछ जोखिम भी होता है. बैंकिंग एंड पीएसयू फंड और ब्याज दरों के बीच विपरीत संबंध होता है. ब्याज दर में उतार-चढ़ाव का इन फंडों के प्रदर्शन पर असर पड़ता है, भले ही कम पड़े. ब्याज दरें बढ़ती है, तो बैंकिंग एंड पीएसयू फंड की वैल्यू कम होती है, जबकि दरों के घटने पर बढ़ती है. हालांकि मौजूदा समय की बात करें तो रेट हाइक अपने पीक पर है और आगे दरों के घटने की उम्मीद है. इसी के चलते इन फंडों का प्रदर्शन भी बेहतर हो रहा है और आगे और बेहतर होने की उम्मीद है.
किसे करना चाहिए निवेश
अगर एक साल से 3 साल तक निवेश का लक्ष्य है तो बैंकिंग एंड पीएसयू फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं. हालांकि इनमें लॉन्ग टर्म के लिए भी लम्प सम या एसआईपी के जरिए निवेश कर सकते हैं. दूसरे डेट फंडों की तुलना में बैंकिंग एंड पीएसयू फंड सुरक्षित होते हैं. अगर आप बाजार का रिस्क नहीं लेना चाहते यानी कन्जर्वेटिव कैटेगरी में हैं तो इन विकल्पों पर विचार कर सकते हैं. बैंकिंग एंड पीएसयू फंड आपको एफडी से भी ऊंचा रिटर्न दे सकते हैं.
(source: value research, clear tax)