वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (1 सितंबर) को कहा कि आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाना अब सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने इसके लिए उठाए गए नियामकीय और विधायी बदलावों के बारे में जानकारी भी दी। जेटली ने यहां बैंकों के संगठन आईबीए की 69वीं सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘अब हमारी शीर्ष प्राथमिकता आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए बैंकिंग प्रणाली की क्षमता को मजबूत बनाना है।’ उन्होंने कहा, ‘आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की बैंकों की क्षमता को कभी भी कमजोर नहीं होने देना चाहिए।’

जेटली ने इस दिशा में सरकार के कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि दिवाला कानून, रिण वसूली तेज करने के लिए किए गए उपाय, वित्तीय तंगी के बावजूद सरकार की तरफ से बैंकों को दिया गया पूंजी समर्थन अहम है। इसके अलावा बैंकों को शक्तिसंपन्न बनाने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा विभिन्न मोर्चों पर अपनाया गया लचीलापन भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन उपायों के अलावा सरकार ने क्षेत्र विशेष को लेकर भी कदम उठाए हैं। इस्पात, बिजली और चीनी क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए। वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमें निजी क्षेत्र में निवेश गतिविधियां बढ़ाने के लिये ग्रामीण इलाकों में सामाजिक और भौतिक अवसंरचना में खर्च बढाने की जरूरत है।’ जेटली ने इस मौके पर विभिन्न वैश्विक संकटों के दौरान प्रभावित हुये बिना आगे बढ़ने और हर संकट में अछूता निकलने पर बैंकों की प्रशंसा भी की।