केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार (17 सितंबर) को सरकारी क्षेत्र के तीन बैंकों के विलय की एक बड़ी घोषणा की। जेटली ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय किया जाएगा। इनके विलय से देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा। जेटली ने कहा कि इन तीनों बैंकों के विलय से बैंकिंग व्यवस्था पहले से और मजबूत एवं टिकाऊ बन सकेगी। उन्होंने कहा कि बैंक ऋण कमजोर हो रहा है और कॉर्पोरेट क्षेत्र के निवेश को नुकसान पहुंचा रहा है। जेटली ने कहा, “सरकार ने बजट में घोषणा की थी कि बैंकों का एकीकरण हमारे एजेंडे में था और इस दिशा में पहला एकीकरण पहले ही हो चुका है। अब तीन बैंकों के विलय से यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।” वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया कि विलय से तीनों बैंकों में कार्यरत किसी भी कर्मचारी पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मर्जर के वक्त सभी कर्मचारियों को बेहतर सेवा और विकल्प दिए जाएंगे।
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि बैंकिग क्षेत्र में सुधार की जरूरत है और सरकार बैंकों की पूंजी की जरूरतों का ध्यान रख रही है। कुमार ने कहा कि बैंकों के विदेशों में परिचालन को युक्तिसंगत बनाने का काम जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐेसे कदम उठाने को लेकर गंभीर है ताकि जहां तक एनपीए (फंसे कर्ज) का सवाल है, इतिहास स्वयं को नहीं दोहराए।
गौरतलब है कि पिछले साल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोगी बैंकों का एसबीआई में विलय किया जा चुका है। दरअसल, सरकार का मानना है कि कुछ बैंकों का संचालन लागत फायदे से कम है। इसलिए ऐसे बैंकों का विलय कर दिया जाय। बैंकों के विलय को लेकर सरकार में शीर्श स्तर पर और बैंकों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के स्तर पर लगातार विचार-विमर्श चल रहा था। इसी क्रम में सोमवार को सरकार ने इन तीनों बैंकों के विलय का ऐलान कर दिया।
Alternative Mechanism under FM suggests @bankofbaroda, @VijayaBankIndia & @dena_bank to consider amalgamation; to create India’s 3rd largest globally competitive Bank @PMOIndia @FinMinIndia @PIB_India @DDNational @DDNewsLive pic.twitter.com/yGGtsN2eCA
— Rajiv kumar (@rajivkumarec) September 17, 2018