United States rejects mdh spices exports: असली मसाले सच-सच, एमडीएच-एमडीएच! महाशियान दी हट्टी यानी MDH की टैगलाइन भले ही असली मसाले बेचने की बात कहती हो, लेकिन फिलहाल ऐसा लग रहा है कि सच जैसा कुछ है नहीं। हाल ही में सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने भारतीय ब्रांड एवरेस्ट (Everest) और एमडीएच (MDH) पर मसालों में कीटनाशक होने के चलते कार्रवाई की थी। और अब ऐसा लगता है कि ‘मसाला संकट’ बढ़ता जा रहा है। अब यूनाइटेड स्टेट्स द्वारा भी एमडीएच मसालों पर कार्रवाई का मामला सामने आया है।
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से मिली जानकारी से खुलासा हुआ है कि अमेरिका ने अब तक MDH एक्सपोर्ट का करीब एक तिहाई हिस्सा खारिज कर दिया। जबकि अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच इनकार की दर 15 फीसदी थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के सीमा शुल्क अधिकारियों ने पिछले छह महीनों में साल्मोनेला मिले होने के चलते महाशियान दी हट्टी (एमडीएच) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्यात किए गए सभी मसाला शिपमेंट में से 31 प्रतिशत को अस्वीकार कर दिया।
अमेरिका से लगातार खारिज किए एमडीएच के शिपमेंट
इसके अलावा डेटा से खुलासा हुआ है कि अक्टूबर 2020 से अब तक साल्मोनेला मिश्रण के चलते एमडीएच के सभी एक्सपोर्ट खारिज किए थे। अक्टूबर 2023 के बाद से खारिज किए गए शिपमेंट की दर 15 प्रतिशत से बढ़कर दोगुना हो गई है।
टायफॉइड वाला बैक्टीरिया है साल्मोनेला
साल्मोनेला बैक्टीरिया मिश्रण वाले खाद्य पदार्थ पेट में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं जो ठीक से न पकाए जाने पर पाचन तंत्र को प्रभावित करता है।
गौर करने वाली बात है कि साल्मोनेला एक बैक्टीरिया है जिससे टायफॉइड जैसी बीमारी होती है। टायफॉइड में बीमार शख्स के पाचन तंत्र और ब्लड स्ट्रीम में साल्मोनेला बैक्टीरिया घुस जाते हैं। साल्मोनेला बैक्टीरिया जानवरों जैसे अंडा, बीफ, कच्चे मुर्गों और फल-सब्जियों के साथ-साथ मनुष्यों के आंतों में भी पाया जाता है। यह एक ऐसा बैक्टीरिया है जो अगर शरीर में घुस जाए तो डायरिया और बुखार जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर ने हाल ही में बिक्री पर लगाई थी रोक
आपको बता दें कि हाल ही में सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग दोनों ने एवरेस्ट और एमडीएच के मसालों में कार्सिनोजेनिक कीटनाशक का कथित पता चलने के बाद दोनों के प्रोडक्ट्स की बिक्री को बैन कर दिया था। दोनों देशों ने MDH और एवरेस्ट के मसालों में पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइट की मात्रा लिमिट से ज्यादा पाई थी। हॉन्गकॉन्ग में मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला और फिश करी पाउडर की बिक्री पर रोक लगाई गई थी।
MDH की मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में गड़बड़ी
एफडीए ने जनवरी 2022 में एमडीएच के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का खुद निरीक्षण किया था। और इस दौरान पाया गया, “संयंत्र में पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं और आवास नहीं थे”। यह भी देखा गया कि संयंत्र के “उपकरण और बर्तनों को दूषित होने से बचाने के लिए पर्याप्त रूप से साफ-सफाई व रखरखाव के़ हिसाब से ठीक तरह डिज़ाइन और निर्मित नहीं किया गया था”। बता दें कि एमडीएच की तरफ से अभी तक इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं आई है।
Everest के शिपमेंट भी हुए खारिज
बता दें कि अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच एवरेस्ट के सभी एक्सपोर्ट शिपमेंट में से 0.3 प्रतिशत को खारिज कर दिया गया। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 3 प्रतिशत था। अक्टूबर 2023 से अभी तक कुल 5 शिपमेंट को खारिज किया गया है। इन शिपमेंट को लेबल से जुड़े नियमों के उल्लंघने के चलते खारिज किया गया। एवरेस्ट की तरफ से भी अभी तक इस बारे में कोई बयान नहीं दिया गया है।
आपको बता दें कि FDA के नियमों के मुताबिक, अगर किसी शिपमेंट की एंट्री US में रोक दी जाती है तो इंपोर्टर को या तो इसे नष्ट करना पड़ता है या फिर यूएस से बाहर एक्सपोर्ट करना पड़ता है। एफडीए ने इस बारे में कोई डेटा नहीं दिया है कि एंट्री रोक देने के बाद शिपमेंट का क्या होता है।
एवरेस्ट और एमडीएच के अलावा, MTR Foods Private Limited और अहमदाबाद के Ramdev Food Products Private Limited के भी उन शिपमेंट को खारिज किया गया है जिनमें मसाले, फ्लेवर्स और साल्ट थे। इनमें से आधे शिपमेंट में साल्मोनीला मिलावट के चलते रोका गया। दोनों ही कंपनियों की तरफ से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है।
बता दें कि हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर द्वारा एमडीएच और एवरेस्ट के प्रोडक्ट्स पर बैन लगाने के बाद फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने देशभर में अलग-अलग ब्रैंड्स के मसालों के लिए निरीक्षण की मुहिम चला दी है।