दुनिया की दिग्गज ऑनलाइन कंपनियों में शुमार अलीबाबा ग्रुप के संस्थापक जैक मा भले ही आज चीन के सबसे बड़े रईस हैं, लेकिन कभी वह बेहद आम युवा हुआ करते थे। 1988 में इंग्लिश और इंटरनेशनल ट्रेड में ग्रेजुएशन करने वाले जैक मा ने करियर की शुरुआत अंग्रेजी के अध्यापक के तौर पर ही की थी, लेकिन आज वह 38 अरब डॉलर यानी 2,71,600 करोड़ रुपये के मालिक हैं।
सही मायनों में जैक मा की कहानी रंक से राजा होने का सफर है। कम्युनिस्ट चीन हांगझू में 1964 में एक गरीब परिवार में पैदा हुए जैक मा दो बार कॉलेज के एंट्रेंस टेस्ट में भी फेल हुए थे। हालांकि तीसरी बार में वह एंट्रेंस में पास हुए और इंग्लिश में ग्रेजुएशन किया। जैक मा को करीब दर्जन भर नौकरियों के लिए रिजेक्ट किया गया था, जिनमें KFC भी शामिल है। आज उसी केएफसी के कुल रेवेन्यू से कहीं ज्यादा जैक मा की अपनी दौलत है।
घुमाने के बदले टूरिस्टों से इंग्लिश सीखते थे जैक: कम्युनिस्ट शासन वाले चीन में 1972 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन हांगझू गए तो यह शहर टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया था। इसके बाद यहां दशकों तक बड़ी संख्या में लोग घूमने आया करते थे। इसी में जैक मा ने अपने लिए राह निकाली और वह सुबह ही शहर के सबसे बड़े होटल में पहुंच जाया करते थे। यहां वह विदेशी टूरिस्टों से इंग्लिश सीखते थे और बदले में उन्हें शहर घुमाते थे। कहा जाता है कि एक टूरिस्ट ने ही उन्हें जैक निकनेम दिया था।
महीने में 12 डॉलर ही कमा पाते थे जैक मा: गरीब परिवार में जन्मे जैक मा ने अपने निर्धनता को दूर करने के लिए पढ़ाई को अपना हथियार बनाया। दिलचस्प बात है कि वह लगातार दो बार ग्रेजुएशन के एंट्रेंस में फेल हुए थे और अंत में तीसरी बार दाखिल मिला। इसके बाद वह पढ़कर निकले तो जहां-तहां नौकरी की तलाश में निकल पड़े और अंत में टीचर के तौर पर जॉब मिली। उस वक्त उन्हें महज 12 डॉलर महीने की कमाई होती थी।
17 लोगों के साथ मिल बनाई थी कंपनी: कई सालों तक वह इंग्लिश के टीचर के तौर पर नौकरी करते रहे। 1995 में वह अमेरिका गए थे और कहा जाता है कि उन्हें यहीं पर पहली बार इंटरनेट के महत्व के बारे में पता चला था। अंत में लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने 1999 में उन्होंने 17 अन्य लोगों के साथ अलीबाबा की स्थापना की थी।
इस एक प्रयोग से जैक मा बन गए धनकुबेर: जैक मा ने इंटरनेट पर वेबसाइट इसलिए बनाई थी ताकि छोटे कारोबारियों को घरेलू और विदेशी दिग्गज कंपनियों के मुकाबले अपने सामान को बेचने में आसानी हो सके। तकनीक की मदद से किया गया उनका यह प्रयोग धीरे-धीरे विस्तार लेने लगा और आज अलीबाबा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑनलाइन सेलर कंपनी है। आज जैक मा का अलीबाबा ग्रुप क्लाउड कम्प्यूटिंग, डिजिटल मीडिया, मनोरंजन और अन्य तमाम चीजों में कारोबार करता है।
