Air India Crisis: कर्ज के संकट से जूझ रही देश की सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को वीवीआईपी फ्लाइट्स के बकाये चलते भी चपत लग रही है। एक आरटीआई के जवाब में एयर इंडिया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक देश के पीएम, राष्ट्रपति समेत कई वीवीआईपी उड़ानों पर उसका 822 करोड़ रुपये का बकाया है। सरकार की ओर से लगातार विनिवेश की कोशिशों के बीच एयर इंडिया ने यह अहम जानकारी दी है।

रिटायर्ड कोमोडोर लोकोश बत्रा की आरटीआई के जवाब में एयर इंडिया ने बताया कि वीवीआईपी चार्टर विमानों की उड़ान के 822 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। यही नहीं बचाव अभियानों में काम करने के भी एयर इंडिया के 9.67 करोड़ रुपये नहीं मिले हैं। इसके अलावा 12.65 करोड़ रुपये विदेशी मेहमानों की यात्रा के सरकार पर बकाया हैं।

एयर इंडिया के वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट्स पर राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री यात्रा करते हैं। इन सभी यात्राओं का बिल केंद्र सरकार के मंत्रालयों की ओर से अदा किए जाते हैं। आरटीआई में दी गई जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया के 526 करोड़ रुपये सरकारी अधिकारियों के टिकट्स ऑन क्रेडिट के जरिए लिए गए टिकटों पर भी बकाया हैं। आरटीआई के मुताबिक यह बकाया 31 मार्च, 2019 तक का है।

यही नहीं एयर इंडिया ने 281 करोड़ रुपये को एनपीए में डाल दिया है। खुद एयरलाइन कंपनी का ही कहना है कि इस राशि को पाना मुश्किल लग रहा है। गौरतलब है कि सरकार लगातार एयर इंडिया को बेचने के लिए प्रयास कर रही है। पिछले दिनों एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कभी एयर इंडिया के मालिक रहे टाटा ग्रुप की ओर से इस कंपनी का अधिग्रहण किया जा सकता है।

यही नहीं एयर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया को तेज करने के मकसद से सरकार इसमें 100 फीसदी एफडीआई के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। फिलहाल एयर इंडिया में 49 फीसदी ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया जा सकता है। 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी मिलने पर एयर इंडिया में एनआरआई इसमें पूरी तरह से निवेश कर सकते हैं, फिलहाल यह सीमा 49 पर्सेंट की ही है।