ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी अपने बकाया वसूली के लिए भारत सरकार की विदेश में पड़ी संपत्तियों को जब्त करने में जुटी है। बीते दिनों केयर्न एनर्जी ने एयर इंडिया की विदेश में पड़ी संपत्ति पर कब्जा करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं, अब अमेरिका से लेकर सिंगापुर तक सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनियों और बैकों की संपत्तियों पर नजर है।

केयर्न की ओर से कही गई ये बात: कंपनी के एक अधिवक्ता ने कहा कि केयर्न कई देशों में मुकदमा दायर करेगी, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को भारत सरकार पर बकाया 1.2 अरब डॉलर के साथ ब्याज और जुर्माने के भुगतान के लिए ‘जिम्मेदार’ बनाया जा सके। हालांकि, केयर्न के वकील ने यह नहीं बताया कि भारत की किन कंपनियों को लक्ष्य किया जाएगा या किन देशों में मुकदमा किया जाएगा।

आपको बता दें कि पिछले महीने केयर्न ने न्ययॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला अदालत में मुकदमा दायर किया था। केयर्न ने कहा था कि एयर इंडिया पर भारत सरकार का नियंत्रण है। ऐसे में एयरलाइन पर पंचनिर्णय के तहत भुगतान का दायित्व बनता है।

क्या है मामला: तीन सदस्यीय अंतराष्ट्रीय पंचाट ने पिछले साल दिसंबर में एकमत से केयर्न पर भारत सरकार की पिछली तारीख से टैक्स मांग को खारिज कर दिया था। न्यायाधिकरण में भारत की ओर से नियुक्त एक जज भी शामिल थे।

न्यायाधिकरण ने सरकार को उसके द्वारा बेचे गए शेयरों, जब्त लाभांश और टैक्स रिफंड को वापस करने का निर्देश दिया था। भारत सरकार ने इस फैसले को स्वीकार नहीं किया है।