लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें अपने अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने में लगी हैं। केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को और बढ़ाया जाए। उधर राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा कर रही हैं। इस बीच, सरकार ने ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) की सभी श्रेणियों के लिए लिमिटेड ट्रांसफर सुविधा पर कमलेश चंद्र समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इससे देश में मौजूद ढाई लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा। चलिए जानते हैं कि इससे किसे कितना फायदा होगा। आपको बता दें कि पुरूष ग्रामीण डाक सेवक केवल एक बार ट्रांसफर ले सकते हैं। महिला डाक सेवक दो बार ट्रांसफर ले सकेंगी।

कर्मचारी अपने स्वयं के अनुरोध पर अपने घर, गांव या गृह विभाग या चिकित्सा उपचार के लिए अनुशंसित स्थान पर अपनी पसंद के स्थान पर ट्रांसफर ले सकते हैं। नौकरी की न्यूनतम अवधि जीडीएस पद पर नियमित रूप से तीन साल की होनी चाहिए, जब तक कि ट्रांसफर के अनुरोध की पुष्टि नहीं हो जाती है। यह अनिवार्य है कि कर्मचारियों को सभी सत्यापन औपचारिकताओं (जाति, शिक्षा और पुलिस सत्यापन रिपोर्ट आदि) को पूरा करना चाहिए। ऐसे कर्मचारी जिनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई, पुलिस केस या कोर्ट केस लंबित है, वे लाभ का आनंद नहीं ले पाएंगे।

केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी में आठ हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की जाए। वर्तमान में 18,000 रुपए न्यूनतम सैलरी है, जिसे बढ़ाकर 26,000 रुपए महीना किए जाने की मांग हो रही है। इसके अलावा इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना करने को कहा जा रहा है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के एक नए फैसले के तहत उसके सभी स्थायी कर्मचारियों को हर साल कम से कम 20 दिनों की छुट्टी लेनी होगी, बजाए सेवानिवृति के समय उन्हें जमा करने के। केंद्र सरकार द्वारा संचालित बैंकों ने अपने कर्मचारियों को 2018 के आखिर से दस दिन की छुट्टी पर भेजा था। अक्टूबर में कई बैंकों में घोषित इस उपाय ने कर्मचारियों को चौंका दिया था। केंद्र सरकार के अन्य कर्मचारियों के लिए अब छुट्टी की नई नीति अपनाने का समय आ गया है।