7th Pay Commission: दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र कहे जाने वाले सियाचिन ग्लेशियर पर हर वक्त पहरा देने वाले सैनिकों की जांबाजी का जिक्र अकसर होता है। सर्दियों के मौसम में जब दिल्ली में भी जिंदगी कुछ मुश्किल हो जाती है, तब सैनिकों का वहां जमे रहना निश्चित तौर पर बेहद मुश्किल होता है। क्या आपके मन में कभी यह सवाल उठा है कि आखिर इतनी मुश्किल उठाने वाले जवानों को सरकार की ओर से कितना भत्ता मिलता है? आइए जानते हैं कि 7वें वेतन आयोग के तहत सियाचिन में तैनात सैनिकों को कितना अलाउंस मिलता है…
– 1 जुलाई, 2017 को लागू किए गए 7वें वेतन आयोग के तहत सरकर ने सियाचिन और देश के दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिकों और सुरक्षा बलों के भत्ते में भी इजाफे का ऐलान किया था। उससे पहले तक सियाचिन में तैनात सैनिकों को 14,000 रुपये का भत्ता मिलता था, जो वहां की कठिन परिस्थितियों में काम करने की तुलना में बेहद कम था। 7वें वेतन आयोग के तहत इस भत्ते को बढ़ाकर 14,000 से 30,000 रुपये का फैसला लिया गया था।
– जवानों से लेकर जेसीओ तक के पद पर तैनात लोंगे को 30,000 रुपये सियाचीन भत्ते के तौर पर मिलते हैं। मोटे तौर पर देखें तो सेना में लेवल 8 तक के सैनिकों को 30,000 का भत्ता मिलता है।
–अब यदि अफसरों की बात की जाए तो लेवल 9 और उससे ऊपर के अधिकारियों को 42,500 रुपये का भत्ता मिलता है। पहले यह राशि महज 21,5000 रुपये थी।
– अब यदि अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों और सुरक्षा बलों के अलाउंसेज की बात की जाए तो यह 2,700 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक है। 1 जुलाई, 2017 से पहले यह 810 रुपये से लेकर 16,800 रुपये था।
– आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मियों को 6,000 रुपये से लेकर 16,900 रुपये तक महीने का अलाउंस मिलता है। पहले यह 3,000 रुपये से लेकर 11,700 रुपये तक था।
