7th Pay Commission: आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के 42 हजार से अधिक कर्मचारियों को खुशखबरी दी है। शनिवार (दो मार्च, 2019) को सरकार ने निर्णय लिया कि वह रिटायरमेंट बेनेफिट के रूप में इन कर्मियों को पेंशन का एक विकल्‍प देगी। हालांकि, यह लाभ सार्वजिनक क्षेत्र की किसी बीमा कंपनी में 28 जून, 1995 या उससे पहले ज्वॉइन होने वालों को ही मिलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बाबत ट्वीट कर कहा, “सरकार ने 28 जून 1995 या उससे बाद सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों से जुड़ने वाले शेष कर्मचारियों को पेंशन पाने का एक और विकल्प दिया है। लाभ पाने वाले इन 42,720 कर्मचारियों में तकरीबन 10,720 वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।” मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये वे कर्मचारी हैं, जिन्होंने पेंशन के विकल्प के बजाय कंट्रीब्यूटरी (अंशदान वाला हिस्सा) प्रोविडेंट फंड (पीएफ) का विकल्प चुना था।

आधिकारिक बयान के अनुसार, कुल लाभार्थियों में 24,595 भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के हैं, जबकि 18,125 कर्मचारी पांच अन्य सामान्य बीमा कंपनियों से हैं। इनमें जीआईसी, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेस कंपनी लिमिटेड, ओरियंटल इंश्योरेंस को.लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को.लिमिटेड शामिल हैं।

1 मिनट में भरा जा सकता है LIC का प्रीमियम, पर कैसे? जानें

वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार के हवाले से रिपोर्ट्स में भी इस संबंध में पुष्टि की गई। बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में रिटायरमेंट बेनेफिट के रूप में पेंशन जून, 1995 से प्रभाव में आई थी। अप्रैल, 1997 में एलआईसी और जनरल इंश्योरेंस कंपनियां- जीआईसी, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के कर्मचारियों (28 जून, 1995 या उससे पहले ज्वॉइन करने वाले) को रिटायरमेंट बेनेफिट के रूप में पेंशन को चुनने का मौका दिया गया था।

इससे पहले, फरवरी में केंद्र ने ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अंतर्गत फिटमेंट फैक्टर में सरकारी कर्मचारियों के लिए तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ोतरी का ऐलान किया था। केंद्र सरकार के तकरीबन 1.1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इससे लाभान्वित होंगे।