7th Pay Commission: केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में बदलाव को मंजूरी दे दी है। एनपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सरकार द्वारा दिए जा रहे योगदान के अलावा मंत्रिमंडल ने एनपीएस से निकासी को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया है। संभावना जताई जा रही है कि नया बिल अगले साल 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा। दरअसल, सरकारी कर्मचारियों के एनपीएस नियमों की समीक्षा के लिए 7वें वेतन आयोग ने सचिवों की एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने इस साल अपना रिपोर्ट दे दिया है। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर इसे कैबिनेट से मंजूरी के लिए पेश किया गया था। बता दें कि एनपीएस शुरू में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेश किया गया था, बाद में इसे पूरे देश के नागरिकों के लिए लागू किया गया जिसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिक भी शामिल हैं।
ये हुए बदलाव
* कैबिनेट ने एनपीएस निकासी को पूरी तरह से टैक्स फ्री करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके बाद उपभोक्ता पूरे पैसे का 60 प्रतिशत जिसे मैच्यूरिटी पूरी होने पर निकालने की अनुमति दी जाती है, पूरी तरह टैक्स फ्री होगी।
* वर्तमान में रिटायरमेंट या 60 वर्ष की उम्र में पहुंचने के बाद एनपीएस उपभोक्ताओं को कॉपर्स का 60 प्रतिशत निकालने की इजाजत होती है जबकि 40 प्रतिशत को पेंशन के लिए इनवेस्ट कर दिया जाता है। इन 60 प्रतिशत पैसों में से 40 प्रतिशत टैक्स फ्री रहती है और शेष 20 प्रतिशत पर टैक्स लगता है। वहीं, 40 प्रतिशत शेष राशि जो कि पेशन के लिए इनवेस्ट किया जाता है, वह टैक्स फ्री रहता है।
* एनपीएस की निकासी में किए गए बदलाव सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर के कर्मचारियों के लिए लागू होगा।
* केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस के तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 10 से 14 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, कर्मचारियों द्वारा दिया जाने वाला योगदान 10 प्रतिशत ही है।
* एनपीएस में इस बदलाव के बाद केंद्र सरकार के करीब 18 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। हालांकि, इससे सरकार का खर्च करीब 2,840 करोड़ प्रति वर्ष बढ़ जाएगा। वर्तमान में जिन्होंने 1 जनवरी 2004 के बाद केंद्र सरकार की नौकरी ज्वाइन की है, वे एनपीएस के तहत आते हैं।
* एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पेंशन फंड मैनेजर चुनने के मामले में अधिक सुविधा मिलेगी।
* इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार ने 2004-2012 के दौरान गैर-जमा या एनपीएस योगदान की देरी जमा के लिए मुआवजे का भुगतान” को भी मंजूरी दी है।