7th Pay Commission: त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 7 वें केंद्रीय वेतन आयोग के बराबर संशोधित वेतनमान की घोषणा कर दी है। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए सातवां वेतन आयोग देने का बीजेपी ने चुनाव में वादा किया था जिसे अब पूरा कर दिया है। राज्य सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री बिप्लाब कुमार देब ने कहा कि संशोधित वेतनमान 1 अक्टूबर से लागू होगा। त्रिपुरा में 7 वें वेतन आयोग को लागू करने के लिए असम के पूर्व मुख्य सचिव पीपी वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर नया फॉर्मूला तैयार किया गया था। देब ने कहा कि राज्य सरकार को दी गई सिफारिशें एक विशेष कैबिनेट मीटिंग में स्वीकार की गईं।

3 सदस्यीय पीपी वर्मा समिति का गठन 26 मार्च को हुआ था। बीजेपी-आईपीएफटी सरकार ने वेतन के संशोधन, कर्मचारियों के लिए मजदूरी और राज्य सरकार के तहत पेंशनभोगियों के लिए पेंशन की सिफारिश करने के लिए कार्यालय संभाला था। समिति ने 05 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट जमा की, हालांकि इसका कार्यकाल इस साल 30 नवंबर तक था। मुख्यमंत्री देब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को बताया कि विशेषज्ञ समिति ने त्रिपुरा के कर्मचारियों, श्रमिकों और पेंशनभोगियों के लिए सर्वोत्तम संभव पैकेज की सिफारिश की। राज्य वित्त की स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, सरकार ने तुरंत सिफारिशों की जांच की है और एक विशेष कैबिनेट बैठक में समिति द्वारा की गई सिफारिशों को लागू करने की मंजूरी दे दी है।

सातवें वेतन आयोग के अनुसार, पे मैट्रिक्स के एंट्री लेवल पर ग्रुप-सी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम सैलरी 18,000 प्रति माह होगी, जो 7वें सीपीसी की सिफारिशों के बराबर है और ग्रुप-डी कर्मचारियों के लिए 16,000 रुपये प्रति महीना होगी। पेंशनरों को न्यूनतम पेंशन का 8,000 प्रति माह और अधिकतम 1,07,450 रुपए प्रति माह होगी।