केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया है। इसके अलावा कई राज्यों में भी इसे लागू किया जा रहा है। जम्मू और श्रीनगर में टीचर्स भूख हड़ताल पर बैठे हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले टीचर्स की मांग है कि इनका वेतन भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक किया जाए। यह टीचर्स पिछले 10 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। आज 10 सितंबर को उनका 11वां दिन है। इसके अलावा आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में चुनाव आने वाले हैं। एमपी सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू कर दिया। इतना ही नहीं राज्य सरकार ने इसे 1 जनवरी 2016 से लागू किया है। मतलब राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को 32 महीने का एरियर भी देगी।
अब केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी सैलरी को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे बढ़ाया जाए। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूमतम सैलरी 18,000 रुपए हो गई है। वहीं फिटमेंट फेक्टर को भी बढ़ाकर 2.57 फीसदी कर दिया गया है। केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को बढ़ाकर 26,000 रुपए महीने किया जाए। वहीं फिटमेंट फेक्टर को भी बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए। आम चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी कर सकती है।
आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 2 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी। इससे 50 लाख कर्मचारियों को फायदा हुआ। इस नई बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में मिलने वाला DA अब 9 फीसदी हो गया है। यह 1 जुलाई 2018 से लागू होगा। इस बढ़ोतरी के बाद केद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 350 रुपए से लेकर 5,000 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी। इस बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार के खजाने पर सालाना 6,112.20 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा, इसके अलावा वित्त वर्ष 2018-19 में 4074.80 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।