सेंट्रल गवर्नमेंट के एम्पलॉयी, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे भी केंद्र सरकार से सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज यूनियन के एक शीर्ष नेता ने केंद्र सरकार से वेतन बढ़ाने को लेकर कहा है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद जो वेतन बढ़ोतरी हुई है वह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बहुत ही कम है। यह बयान ऐसे समय आया है जब नेशनल अनोमली कमेटी की रिपोर्ट और उसके प्रपोजल को लेकर असमंदस की स्थिति है। सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए नेशनल अनोमली कमेटी बनाई थी।
यह कमेटी मिनिमम सैलरी और फिटमेंट फेक्टर पर दिसंबर में अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एनएसी मिनिमम सैलरी को लेकर अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार कर रही है। 22 सदस्यों वाली यह कमेटी 15 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। इसके बाद इस रिपोर्ट को यूनियन कैबिनेट के पास भेज दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स यह भी आ रही हैं कि एनएसी मिनिमम सैलरी को 18,000 रुपए से 21,000 रुपए करने का सुझाव देगी। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 से बढ़ाकर 3.00 करने का सुझाव देगी। सातवें वेतन आयोग ने मिनिमम सैलरी को बढ़ाकर 18,000 रुपए करने की सिफारिश की थी। इस बढ़ोतरी को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई थी। आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के दिव्यांग बच्चों को 30,000 रुपए का पढ़ाई भत्ता मिलता था। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे अब बढ़ाकर 54,000 रुपए सालाना कर दिया गया है। अगर दिव्यांग बच्चे के माता और पिता दोनों केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो कोई एक ही बच्चे के लिए भत्ता ले सकता है।