7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने सबसे पहले शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत शिक्षक व अन्य एकेडमिक कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने मंगलवार को सरकारी और वित्तपोषित प्रौद्योगिकी संस्थानों के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मंत्रालय ने इस उद्देश्य से 1241 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इससे राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्थानों के कुल 29264 शिक्षकों तथा अन्य शैक्षणिक कर्मियों को सीधे लाभ होगा। इसके अलावा, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के दायरे में आने वाले निजी कॉलेजों या संस्थानों के करीब साढे तीन लाख शिक्षकों तथा शैक्षणिक र्किमयों को भी इस मंजूरी से लाभ मिलेगा। केन्द्र सरकार सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए बकाये के भुगतान हेतु इन संस्थानों द्वारा किये जाने वाले कुल अतिरिक्त खर्च के 50 प्रतिशत का वहन भी करेगी।’’ मंत्री ने कहा कि इस कदम से प्रौद्योगिकी संस्थानों को उच्च शैक्षणिक मानकों के शिक्षकों को लुभाने और उन्हें बनाए रखने में मदद मिलेगी।

बता दें कि 68 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से पहले फायदा मिलने की संभावना दिख रही है। सबसे पहले शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े कर्मचारियों को यह लाभ दिया गया। रिपोर्ट्स के अगली कैबिनेट बैठक में एनडीए सरकार इस संबंध में कुछ बड़े फैसले ले सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वेतन 7 वें वेतन आयोग से परे 18000-21000 तक बढ़ाया जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा है कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों पर विचार कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक वेतन ग्रेड 1 से 5 के केंद्रीय कर्मचारियों की वृद्धि की जाएगी। इसके अलावा, फिटमेंट फेक्टर जो 2.57 प्रतिशत है, को बढ़ाकर 3.68 प्रतिशत किया जाएगा। इसे केंद्रीय कर्मचारियों के वोट पाने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि आम चुनाव आने में कुछ महीने बचे हैं। हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्तों में बदलाव किया था। जबकि यात्रा भत्ता, मकान किराया भत्ता (HRA) और चोट भत्ता में बदलाव किया गया था, महंगाई भत्ता (DA) में कोई बदलाव नहीं किया गया। एक राज्य मंत्री ने कहा कि इन संशोधनों का मतलब होगा कि राज्य सरकार के लिए 101 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च पड़ेगा।

केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी में आठ हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की जाए। वर्तमान में 18,000 रुपए न्यूनतम सैलरी है, जिसे बढ़ाकर 26,000 रुपए महीना किए जाने की मांग हो रही है। इसके अलावा इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना करने को कहा जा रहा है। केंद्र सरकार के एक नए फैसले के तहत उसके सभी स्थायी कर्मचारियों को हर साल कम से कम 20 दिनों की छुट्टी लेनी होगी, बजाए सेवानिवृति के समय उन्हें जमा करने के। केंद्र सरकार द्वारा संचालित बैंकों ने अपने कर्मचारियों को 2018 के आखिर से दस दिन की छुट्टी पर भेजा था।