सरकार ने कैश और ट्रेजरी का कामकाज देखने वाले कर्मचारियों के भत्‍तों में 300 फीसद की वृद्धि करने वाले प्रस्‍ताव को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही कैश हैंडलिंग अलाउंस और ट्रेजरी अलाउंस को एक करने का भी फैसला लिया है। प्रस्‍ताव के अमल में आने पर इस मद में दिए जाने वाले भत्‍ते को कैश हैंडलिंग एंड ट्रेजरी अलाउंस के नाम से जाना जाएगा। इसके दूसरी तरफ झारखंड में डॉक्टर अपनी सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। झारखंड के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के 600 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों ने उनके लिए 7 वें वेतन आयोग को लागू करने की मांग की। विरोध में उन्होंने काले बैज पहने हुए काम किया। वर्तमान में, डॉक्टरों को छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन मिल रहा है। इतना ही नहीं, उन्होंने RIMS में काम करने वाले इंटर्न के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के बराबर स्टाइपंड देने की भी मांग की।

डॉक्टरों ने अपनी मांगों के लिए आरआईएमएस के निदेशक डॉ. डीके सिंह को एक ज्ञापन भी सौंपा। 7 वें वेतन आयोग के तहत एक वेतन वृद्धि के अलावा, उन्होंने उन्होंने RIMS परिसर में बेहतर सड़क और सुविधाओं की मांग भी की। RIMS में कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टरों को वर्तमान में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लगभग 57,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलता है। हालांकि, अगर सातवें वेतन आयोग को लागू किया जाता है, तो उनका वेतन 12000 रुपये बढ़ जाएगा, पायोनियर में एक डॉक्टर के हवाले से बताया गया।

डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने पिछले साल जून में डॉक्टरों की हड़ताल के बाद एक पखवाड़े के भीतर 7 वें वेतन आयोग को लागू करने का वादा किया था। हालांकि, उन्हें 7 वें वेतन आयोग का लाभ मिलना बाकी है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपए महीने हो गई है। वहीं उनका फिटमेंट फेक्टर भी बढ़ाकर 2.57 गुना कर दिया गया है। केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को बढ़ाकर 26,000 रुपए महीने कर दिया जाए, इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए।