केंद्र सरकार के कर्मचारी अब भी अस्पष्ट हैं कि न्यूनतम वेतन में और बढ़ोतरी हो रही है या नहीं हो रही है। केंद्र कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखकर 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्र सरकार न्यूनतम वेतन को बढ़ा देगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार बढ़ी हुई सैलरी को अगले वित्तीय वर्ष से देना शुरू कर देगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ समय पहले आश्वासन दिया था कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी के मुताबिक फिटमेंट फेक्टर बढ़ाएगी। अगर मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मांग के मुताबिक फिटमेंट फेक्टर बढ़ा देती है तो उनकी सैलरी बढ़कर 24,000 रुपए महीने से ज्यादा हो जाएगी। हालांकि अभी तक इसके बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। वहीं जो केंद्रीय कर्मचारी मेट्रिक्स लेवल 1-5 तक में आते हैं उनकी बढ़ी हुई सैलरी अप्रैल में आएगी।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद उनकी न्यूनतम सैलरी 7,000 रुपए महीने से बढ़कर 18,000 रुपए महीने हो जाएगी। वहीं फिटमेंट फेक्टर भी 2.57 गुना बढ़ जाएगा। इसके अलावा अधिकतम सैलरी 90,000 रुपए महीने से बढ़कर 2.5 लाख रुपए महीने हो जाएगी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को केबिनेट ने 29 जून 2016 को ही मंजूरी दे दी थी। अब केंद्रीय कर्माचरी मांग कर रहे हैं कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 26,000 रुपए महीने किया जाए। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुने से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए।
सातवें वेतन आयोग को लागू करने के लिए नेशनल अनोमली कमेटी बनाई गई थी। यह कमेटी वेतन विसंगति को सुलझाने के लिए बनाई गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल अनोमली कमेटी ने डीओटीपी से केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 18,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपए करने की सिफारिश की थी। वहीं फिटमेंट फेक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.00 करने की सिफारिश की थी। रिपोर्ट्स की मानें तो डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओटीपी) एनएसी के उस प्रस्ताव के खिलाफ है, जिसमें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे केंद्रीय कर्माचारियों की सैलरी बढ़ाने की बात की गई है।