आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शुक्रवार को संसद में पेश किये गये आम बजट को जनसामान्य, खासकर महिलाओं, युवाओं, किसानों और उद्यमियों की परेशानियों को बढ़ाने वाला बताते हुये कहा है कि ‘‘यह करों के भार से भरा हुआ बजट है।’’ सिंह ने संसद भवन परिसर में बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘आम आदमी पर भार डालने की इस बजट से जो उम्मीद थी, वही सामने आया है। इसमें युवाओं के लिये रोजगार की कोई योजना नहीं है, ना ही माताओं, बहनों की सामाजिक सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने की कोई योजना है।’’

सिंह ने कहा कि बजट के माध्यम से सरकार ने कारोबारियों को भी करों के बोझ तले दबाने का काम किया है। इतना ही नहीं, बैंक से पैसा निकालना भी मंहगा कर दिया है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट देश के आम आदमी को, किसान, नौजवान, महिलाओं, बुजुर्गों और गरीबों सहित सभी वर्गों को निराश करता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश किया। आप सांसद ने कहा कि कर्मचारियों को राहत की उम्मीद थी, बुजुर्गों को राहत उम्मीद थी। इतना ही नहीं सोना मंहगा कर सरकार ने बजट से माताओं-बहनों को भी निराश किया है। बजट ने हर वर्ग को किसी न किसी अतिरिक्त भार के तले दबा दिया है।

सिंह ने ट्विटर पर भी बजट पर कहा, ‘‘युवाओं के रोजÞगार पर बजट ख़ामोश, किसान की आय दोगुना करने की तैयारी पर बजट ख़ामोश, व्यापारियों और कर्मचारियों को कर में राहत देने पर बजट ख़ामोश, कर का अतिरिक्त भार और सरकारी कंपनियों को बेचने की तैयारी करने वाला बजट है। फिर भी आप सब रहिये ख़ामोश।’’