सत्यपाल मलिक आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का पद संभालने के बाद से पूरे देश में अक्सर उनके बयानों पर चर्चा होती रहती है। सत्यपाल मलिक जब जम्मू-कश्मीर राज्य के राज्यपाल थे, तभी वहां से अनुच्छेद 370 हटाया गया और राज्य का विभाजन दो UT- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में कर दिया गया। इसके बाद सत्यपाल मलिक कुछ दिन गोवा और भी कुछ समय मिजोरम के राज्यपाल रहे।
कभी बीजेपी में रहा यूपी वेस्ट का यह जाट नेता किसान आंदोलन के बाद से लगातार बीजेपी के खिलाफ बयानों की वजह से सुर्खियों में है। सत्यपाल मलिक ने अपने सियासी करियर की शुरुआत साल 1974 में की थी। वह चौधरी चरण सिंह की पार्टी लोक दल से पहली बार विधायक चुने गए। इससे पहले वो मेरठ की छात्र राजनीति में एक्टिव थे। वह साल 1980 में राज्यसभा भेजे गए। 1984 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। 1989 में वह अलीगढ़ से अपना आखिरी लोकसभा चुनाव जीते। इसके बाद उन्होंने 1996 में सपा के टिकट पर और 2004 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन उन्होंने हार का सामना करना पड़ा। मोदी सरकार आने के बाद 2017 में उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया गया। 2018 में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली।Read More