हनुमान जयंती का त्यौहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शनिवार हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व है।
महाबली हनुमान को चोला भी चढ़ाया जाता है। आइए जानते हैं इसका महत्व और क्यों चढ़ाया जाता है?
मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी को चोला चढ़ाने से जातक पर चल रही शनि की साढ़े साती, ढैय्या, दशा या अंतर्दशा के साथ ही राहु-केतु की दशा या अंतर्दशा में हो रहे कष्ट दूर होते हैं।
इसके अलावा ये भी मान्यता है कि हनुमान जी को चोला चढ़ाने से साधक के संकट और रोग दूर हो जाते हैं।
हनुमान जी को खास कर सिंदूर का चोला चढ़ाने से श्री राम जी की भी कृपा प्राप्त होती है।
चोला के साथ हनुमान जी को सिंदूर, गाय का घी, चमेली का तेल, शुद्ध गंगाजल, चांदी या सोने का वर्क, धूप, दीप और हनुमान चालीसा की पुस्तक रख लें।
इसके बाद पुराना चोला उतारकर साफ गंगाजल से मिश्रित जल से स्नान करा लें। अब सिंगूर में घी मिलाकर गाढ़ा लेप बना लें और फिर सीधे हाथ से उनके पूरे शरीर पर लेपन करें।