पूजा में सबकी या किसी एक भगवान की करें आरती?

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आरती का महत्व

पूजा-पाठ के बाद आरती का काफी खास महत्व है।

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पूजा के बाद करते हैं आरती

काफी लोग ऐसे हैं जो पूजा के अंत में कई देवी-देवताओं की आरती करते हैं।

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सबकी या एक भगवान की करें आरती

लेकिन क्या सारे भगवान की आरती करनी चाहिए या किसी एक की? आइए जानते हैं:

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यही है भक्ति

प्रेमानंद महाराज के अनुसार प्रारंभ में सबकी भक्ति का यही स्वरूप होता है।

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प्ररंभिक कदम

उनके अनुसार धार्मिक माहौल वाले घर में बच्चे बचपन से ही हनुमान चालीसा, शिव चालीसा से लेकर दुर्गा चालीसा तक का पाठ करते हैं और यही भक्ति का प्रारंभिक कदम होता है।

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भक्ति का असली रंग

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, इसके बाद गुरु का चयन होता है। गुरु चयन के बाद ही भक्ति असली रंग लाती है।

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इनकी करनी चाहिए भक्ति

प्रेमानंद महाराज के अनुसार भक्ति से फलस्वरूप जब गुरुदेव मिलते हैं और वो जो नाम और ईष्टदेव आपके लिए चयन करते हैं उन्हीं की भक्ति करनी चाहिए।

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नाम जाप करें

एक भक्त आराधना सबकी करता है लेकिन प्यार उसे सद गुरुदेव के बताए हुए नाम से करना चाहिए।

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इनकी करनी चाहिए आरती

यानी पूजा के दौरान आपको गुरुदेव से जो नाम मिला है उनकी आराधना करने के साथी ह आरती जरूर करनी चाहिए।

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