हिंदू धार्मिक परंपराओं में दीपक का विशेष महत्व माना जाता है। किसी भी पूजा, आरती या धार्मिक अनुष्ठान में दीपक जलाए बिना कार्य अधूरा समझा जाता है।
दीपक की लौ केवल रोशनी ही नहीं देती बल्कि यह शुभता, सकारात्मकता और ईश्वरीय ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।
सुबह-शाम दीपक जलाने की परंपरा बहुत पुरानी है। माना जाता है कि दीपक की लौ घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और वातावरण को पवित्र बनाती है।
इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। परिवार पर संकट और विपत्तियां नहीं आतीं तथा जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
अगर दीपक की लौ में फूल का आकार बनने लगे, तो इसे अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका अर्थ है कि जल्द ही आपके जीवन में कोई खुशखबरी मिलने वाली है।
साथ ही रुके हुए और बिगड़े हुए काम धीरे-धीरे बनने लगते हैं। धन लाभ के योग बनते हैं। घर की तिजोरी भरने लगती है और धन की कमी नहीं रहती।
भाग्य का सितारा चमकने लगता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। कर्ज से मुक्ति मिलने की संभावना रहती है।
दीपक की लौ में त्रिशूल का आकार बनना भी बहुत शुभ माना जाता है। इसका मतलब है कि परिवार की आय के स्रोत बढ़ेंगे।
आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। हर काम में सफलता मिलेगी। जीवन की परेशानियों का अंत होगा और तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे।